Salary was up to 1000 in Mughal Haram, then this dirty work was done
मुगल बादशाहों और मुगल सल्तनत का जिक्र हो उसी के साथ हरम का जिक्र भी होता है। मुगल हरम में महिलाओं और हिजड़ों को ही नौकरी मिलती थी, जहां मर्दों का जाना मना था।
मुगलों के राज में हरम को बेहद खास माना जाता था। तमाम मुगल बादशाहों के हरम में सैकड़ों महिलाएं होती थी। इतिहासकार सर थॉमस कोरेट के अनुसार जहांगीर ने हरम में अपने लिए ही 1000 महिलाएं रखी थी।
इतिहासकार का कहना है कि मुगल हरम में जितनी महिलाएं होती थीं, उसमें से बस 5 फीसदी को बादशाह के साथ संबंध बनाने का मौका मिलता था।
इतिहासकारों के अनुसार हरम में मौजूद औरतों का इस्तेमाल कई तरह के कामों में होता था। कुछ के पास हरम के प्रशासनिक काम होते थे कुछ के बादशाह के कामों को निपटाती थी।
हरम में महिलाओं के अलावा हिजड़ों को ही रखा जाता था। अकबर के शासनकाल में सम्मनित परिवारों को महिलाओं को हरम में तैनाती मिली और जिन्हे दरोगा का दर्ज मिला। इसके मुख्य अधिकारी को नाजिर ए महल कहा गया जो किन्नर ही होते थे।
मुगल सल्तनत में तुर्की और कश्मीरी महिलाओं को हरम के अंदर गई ड्यूठी पर रखा गया। इसकी सबसे बड़ी वजह यह थी की वो स्थानीय भाषा खासकर हिंदी नहीं समझ सकती थीं।
हरम में तैनात महिलाओं हिजड़ों को बाकायदा उनके पदों के अनुसार तरख्वाह मिलती थी। मसलन दरोगा को सर्वाधिक 1000 रूपये माह। इसी तरह हरम के अंदर तैनात नौकरों को बस 2 रूपये माह सैलरी मिलती थी।
मुगल हरम बादशाहों की अय्याशी के अड्डे थे। वहां मनोरंजन के नाम पर मौजूद महिलाओं से ऐसे ऐसे काम करने पड़ते थे जो सभ्य समाज में स्वीकार नहीं थे।
मुगल इतिहास के जानकार के अनुसार हरम के अंदर ही एक अंडरग्राउंड कोठरी हुआ करती थी। महिलाओ को फांसी देकर गुपचुप तरीके से फांसी देकर उनकी लाश को साथ के कुएं में फेंक देते थे।
हरम की महिलाओं के बीमार होने पर यू ही मरने के लिए छोड़ दिया जाता था। उनके लिए वैद्य को नहीं बुलाया जाता था। ना ही बीमार महिला को छूआ जाता था।