सावन में महिलाएं क्यों रचाती हैं हाथों पर मेहंदी, एक नहीं...कई हैं दिलचस्प वजह!

Why do women make henna on their hands in Sawan, not one but many interesting reasons!

महत्व

सावन का महीना लगते ही चारों ओर हरियाली छाने लगती हैं सावन में झूला झूलने के साथ महिलाएं हाथों में मेहंदी लगाती हैं. जानिए सावन क्यों मेहंदी के बिना अधूरा माना जाता है और इसका क्या महत्व है.

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प्रेम संबंध

विवाह और त्योहारों के मौके पर अक्सर महिलाएं हाथों में मेहंदी लगाती हैं. मेहंदी लगाने से रिश्तों में प्यार गहरा होता है. मेहंदी ऐसे अवसरों पर शुभ मानी जाती है.

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खुशी

खुशी के मौके पर महिलाएं हाथों और पैरों में मेहंदी लगहाती हैं. इसे लगाने से इंसान का मन प्रसन्न होता है.

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ठंडक

मेहंदी की खुशबू शरीर को ठंडक प्रदान करती है. साथ ही बॉडी का स्ट्रेस भी कम होता है. वहीं हरा रंग कई रोगों को दूर करने में सहायक होता है.

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रिश्ता मजबूत

ऐसा माना जाता है, कि जब सावन में पत्नी अपने हाथों पर पति के नाम की मेहंदी लगाती है तो इससे उनके बीच प्यार और अधिक गहरा होता है और रिश्ता मजबूत होता है.

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गाढ़ा रंग

कहते हैं महिलाओं के हाथों पर मेहंदी उतनी ही गहरी रचती है जितना उनके पति उनसे प्यार करते हैं. अगर आपके हाथों में हिना का गाढ़ा रंग चढ़ा है, तो समझ लें आपका पार्टनर आपसे बहुत प्यार करता है.

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मेहंदी का महत्व

वैदिक काल से मेहंदी का महत्व है. हिंदू धार्मिक ग्रंथों और पुराणों में मेहंदी का वर्णन है. इसमें देवी-देवताओं के विवाह के समय मेहंदी की परंपरा निभाई गई थी.

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स्किन

मेहंदी की तासीर ठंडी होती है. इसके हरे रंग की वजह से ये स्किन संबंधी कई सारी परेशानियों से भी छुटकारा दिलाती है.

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सोलह श्रृंगार

सोलह श्रृंगार में से एक मेहंदी को भी शामिल किया गया है. महिलाओं के लिए ये श्रृंगार के समय बहुत मायने रखती है.

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भगवान शिव

ऐसा माना जाता है कि जब महिलाएं और लड़कियां अपने हाथों पर मेहंदी रचाती हैं, तो इससे भगवान शिव बहुत प्रसन्न होते हैं. माता पार्वती ने भी भगवान शिव के लिए मेहंदी लगाई थी.

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कृष्ण

कहते हैं भगवान कृष्ण ने राधा को सावन के महीने में झूला झूलाया था और राधा ने भी कृष्ण के नाम की मेहंदी लगाई थी. झूला झूलने से इंसान में उमंग और जोश भर जाता है. तभी से सावन में ये परंपरा चली आ रही है.

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