What should I say? wrile offering water to Shivling
सनातन धर्म में शिवलिंग की पूजा का बड़ा महत्व बताया गया है।
शिवपुराण में बताया गया है कि शिवलिंग की पूजा से भगवान शिव बहुत जल्दी प्रसन्न होते हैं और अपनी कृपा बरसाते हैं।
शास्त्रों में शिवलिंग को लेकर कई नियम बनाए गए हैं जिनका पालन करना बेहद जरूरी है वरना शुभ की बजाय अशुभ फल मिलने शुरू हो जाते हैं।
शिवलिंग पर केतकी के फूल, सिंदूर, तुलसी और हल्दी भूलकर भी नहीं चढ़ानी चाहिए। इससे भगवान शिव रुष्ट हो जाते हैं और बनते काम बिगड़ने लगते हैं।
तिल या तिल से बनी कोई चीज भगवान शिव को नहीं चढ़ानी चाहिए क्योंकि तिल भगवान विष्णु के मैल से उत्पन्न हुआ माना जाता है।
शास्त्रों में कहा गया है कि कभी भी भगवान भोलेनाथ को टूटे हुए चावल अर्पित नहीं किए जाते हैं क्योंकि टूटा हुआ चावल अपूर्ण और अशुद्ध होता है।
शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय आपको इस मंत्र का जाप करना चाहिए - 'श्रीभगवते साम्बशिवाय नमः । स्नानीयं जलं समर्पयामि।'
आप इस शक्तिशाली मंत्र का भी जाप कर सकते हैं - 'ॐ ह्रीं ह्रौं नमः शिवाय।। ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥'
दिन के दौरान सुबह शिवलिंग पर जल चढ़ाना शुभ माना जाता है