Staying on the phone all day is not a mental illness? Do not ignore the symptoms
दिनभर फोन में बिजी रहना कई बार किसी गंभीर मानसिक बीमारी का संकेत हो सकता है, जिसमे डिप्रेशन जैसी बीमारियां भी शामिल हैं
आजकल की जनरेशन चाहे कितनी भी परफेक्ट हो उनसे लोगों के एक शिकायत तो जरूर रहती है और वह है पूरा दिन फोन में लगे रहना। आजकल का युवा फोन को बहुत ज्यादा इस्तेमाल करने लगा है,
बस या मेट्रो में यात्रा कर रहा है हर समय फोन की स्क्रीन की तरफ देखने की आदत पड़ गई है। दरअसल, यह हमारी आदत सी बन गई है, जिससे कारण हमारा लाइफस्टाइल लगातार खराब होता जा रहा है
फोन को यूज करना भले ही ज्यादातर लोगों की आदत सी बन गई है, लेकिन बहुत ज्यादा फोन यूज करना मानसिक बीमारी का संकेत है। इन मानसिक बीमारियों में डिप्रेशन का नाम भी शामिल है
बहुत ज्यादा फोन यूज करना भी आपको अकेलापन व अलगाव महसूस करा सकता है और इस कारण से डिप्रेशन हो जाता है. किसी भी जगह पर मन न लगने के कारण व्यक्ति फोन का इस्तेमाल बहुत ज्यादा करने लग जाता है
कई बार डिप्रेशन के कारण मरीज को नींद आना बंद हो जाती है.जिस कारण से बेचैनी रहने लगती है। ज्यादा बेचैनी होने के कारण व्यक्ति रात के समय फोन चलाने लग जाता है.
डिप्रेशन के मरीजों में बार-बार मूड में बदलाव होने लगते हैं और इस कारण से व्यक्ति बार-बार फोन उठाकर उसे चेक करने लगता है। कुछ देर चलाकर फिर से रख देना और फिर थोड़ी देर बाद फिर से रख देना।
बहुत ज्यादा फोन में व्यस्त रहने के कारण चिड़चिड़ापन भी रहने लगता है। जब आप ऐसे व्यक्ति को फोन रखने या फिर कुछ और करने की सलाह देते हैं, तो चिड़ जाते हैं