संकोची होना या स्वभाव में शर्मीला होना बुरी बात नहीं. हां, ये हो सकता है कि ऐसे लोगों का प्यार को इजहार करने का तरीका कुछ अलग हो.
वे भी हमारे, आपकी तरह नॉर्मल इंसान ही होते हैं, जो कंफर्टेबल हुए बिना अपनी बातों को शेयर करना पसंद नहीं करते हैं.
ऐसे में अगर आप इंट्रोवर्ट पार्टनर के साथ हैं तो डेटिंग के वक्त कुछ बातों को ध्यान में रखकर रिश्ते को बेहतर बना सकते हैं.
अगर आपका डेटिंग पार्टनर कम बात करता है या चुप हो जाता है या जल्दी लोगों के साथ मिक्स नहीं करता है तो इसका मतलब ये नहीं कि आप उसे हर वक्त यह महसूस कराएं कि वो तो अजीब है
अगर आप किसी इंसान को प्यार करते हैं तो उसे उसी हाल में स्वीकार करें. फिर वह चाहे उसका नेचर ही क्यों ना हो. आप उसे जबरदस्ती बदलने का प्रयास ना करें.
इंट्रोवर्ट लोगों को अकेले या खाली जगहों पर साथ बिताना अच्छा लगता है. उन्हें भीड़ भाड़ वाली जगहों पर रहना पसंद नहीं होता.
इंट्रोवर्ट लोगों की च्वाइस अलग होती है, उन्हें अधिक इंटरफेयरेंस पसंद नहीं होता. वे तभी अपनी बातों को खुलकर बता पाते हैं जब धीरे धीरे उन्हें आप पर भरोसा बनने लगता है.
अगर आपका पार्टनर अपनी बात नहीं बता रहा और केवल आपकी बात ही जानना चाह रहा है तो इसे यह ना समझें कि उसे आप पर भरोसा नहीं. दरअसल, उसके लिए खुद की भावनाओं को अच्छी तरह से एक्सप्रेस करने में वक्त लग सकता है.