Learn these 7 secrets related to Lord Shiva
सावन का महीना शुरू हो चुका है। यह माह पूरी तरह भगवान शिव को समर्पित होता है। आज हम आपको शिव जी से जुड़े कुछ रहस्यों के बारे में बताने जा रहे हैं।
कहा जाता है कि शिव ने ही धरती पर जीवन के प्रचार-प्रसार का प्रयास किया। यही कारण है कि उन्हें 'आदिदेव' भी कहा जाता है। आदि का मतलब प्रारंभ होता है।
असम के तेजपुर में ब्रह्मपुत्र नदी के पास रुद्रपद मंदिर स्थित है। कहा जाता है कि इसमें भगवान शिव के दाएं पैर का निशान मौजूद है।
क्या आप जानते हैं कि भोलेनाथ के गले में जो नाग लिपटा रहता है उसका नाम क्या है? उसका नाम वासुकि है, जिसके बड़े भाई का नाम शेषनाग है।
देवों के देव महादेव के प्रमुख 7 पुत्र हैं जिनका नाम गणेश, कार्तिकेय, सुकेश, जलंधर, अयप्पा, अंधक और भूमा है। कहा जाता है कि इन सभी के जन्म की कथा काफी रोचक है।
माना जाता है कि किसी भी देवी-देवता की टूटी हुई मूर्ति की पूजा नहीं की जा सकती है। वहीं, शिवलिंग कितना भी टूट जाए, वह पूजनीय ही माना जाता है।
कहा जाता है कि झारखंड के रांची रेलवे स्टेशन से 7 किलोमीटर की दूरी पर रांची हिल मौजूद है। मान्यता है कि यहां शिवजी के पैरों के निशान हैं, जिसे 'पहाड़ी बाबा मंदिर' के नाम से जाना जाता है।
भोलेनाथ जी का धनुष पिनाक, चक्र भवरेंदु और सुदर्शन, अस्त्र पाशुपतास्त्र और शस्त्र त्रिशुल माना जाता है। इन सभी का निर्माण भगवान शिव ने ही किया था।