स्त्री के पास दया और विनम्रता होती है. वह सदैव सम्मान प्राप्त करती है. जो स्त्री अपने क्रोध पर काबू नहीं कर पाती है वह अपना तो नुकसान करती है
स्त्री को ईश्वर और प्रकृति पर उसका विश्वास होना चाहिए. धर्म पर आस्था रखने वाली स्त्री अच्छे और बुरे का अंतर आसानी से समझ लेती है.
स्त्री का यह गुण आज के आधुनिक समय में बहुत ही जरूरी है. स्त्री को धन संचय का अच्छा ज्ञान होना चाहिए.
स्त्री की वाणी बहुत ही मधुर होनी चाहिए. स्त्रियों को कड़वे वचन नहीं बोलने चाहिए इससे उनकी शोभा खराब होती है.
चाणक्य के अनुसार स्त्रियों में पुरुषों के तुलना में छह गुना साहस होना चाहिए. स्त्रियों को समय आने पर हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहना चाहिए.