Garuda Purana: Special rules of pregnancy for eligible child
हिंदू धर्म ग्रंथों में जीवन के जरूरी सुखों में संतान सुख भी शामिल
यदि संतान स्वस्थ, श्रेष्ठ, आज्ञाकारी, संस्कारवान और परिवार का नाम रोशन करने वाली हो, तो जीवन धन्य माना जाता है
गरुड़ पुराण में योग्य, गुणवान और दीर्घायु संतान पाने के लिए गर्भधारण के कुछ नियम बताए गए हैं। क्या हैं नियम, जानिए
गरुड़ पुराण के मुताबिक, मासिक धर्म के दौरान पति-पत्नी को ब्रह्मचर्य का पालन कारण चाहिए
मासिक धर्म के 7 दिन बाद तक महिलाओं को गर्भधारण का प्रयास नहीं करना चाहिए
इस दौरान स्त्री का शरीर कमजोर होने के कारण अगर गर्भ धारण हो जाए तो शिशु पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है
गरुड़ पुराण के अनुसार, मासिक धर्म खत्म होने के आठवें और चौदहवें दिन गर्भधारण के लिए अच्छी मानी जाती है
गर्भधारण के लिए रोहिणी, मृगशिरा, चित्रा, पुष्य, श्रवण, उत्तराफाल्गुनी, अनुराधा, उत्तरा भाद्रपद और स्वाति नक्षत्र आदि शुभ माना जाता है
गर्भधारण के समय पति पत्नी दोनों की कुंडली में चंद्रमा अच्छी स्थिति में हो, सकारात्मक सोच होनी चाहिए