Ego is not spoiling your relationships?, identify in 5 easy ways
रिश्ते में अगर 'ईगो' ने जगह ले ली है तो आपके बीच के रिलेशनशिप को बनाए रखना चैलेंजिंग हो सकता है.
रिश्ते तभी हेल्दी रहते हैं जब कपल्स एक दूसरे की जरूरतों और उनकी इच्छाओं को इज्जत दें.
जब यह इज्जत देने या एक दूसरे की परवाह करने की भावना एकतरफा हो, तो ये किसी भी रिलेशनशिप के लिए एक गलत संकेत हो सकता है.
रिश्ते में आत्मसम्मान, आत्ममहत्व या अहंकार की जगह कितनी है इसकी पहचान किस तरह किया जा सकता है.
अगर रिलेशनशिप में रहते हुए पार्टनर केवल अपनी जरूरतों को देखता है या अपने पार्टनर की इच्छाओं की परवाह के बगैर ही अपने जरूरतों को पूरा करता है
किसी भी रिलेशनशिप में बातचीत एक जरूरी एलिमेंट होता है. लेकिन अगर आपके बीच बातचीत धीरे धीरे कम होती जा रही है.
अगर आपके बीच आपस में ही जलन की भावना ने जन्म देना शुरू कर दिया है तो यह आपके रिश्ते में ईगो की वजह बन सकता है. दरअसल, जलन एक सामान्य फीलिंग है.
आमतौर पर यह समस्या तब शुरू होती है जब कोई भी पार्टनर खुद को अधिक बेहतर मानने लगता है. और अपनी इस फीलिंग को प्रूफ करने के लिए हर संभव प्रयास करता है.
अगर पार्टनर से माफी मांगने या माफ करने में परेशानी का अनुभव हो तो यह ईगो का संकेत हो सकता है. ऐसे में खुद के अंदर झांकें और यह विचार करें कि आखिर परेशानी क्यों हो रही है.