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Ajab gajab : जेल मे क्यों पहनाए जाते हैं काली धारी वाले कपड़े, जानें वजह

Ajab gajab news in hindi : कुछ देशों में कैदियों को अलग-अलग रंग की ड्रेस पहनाई जाती है जैसे कि सफेद, नीला या नारंगी रंग की ड्रेस. लेकिन भारत में कैदियों को काली धारी वाली ड्रेस क्यो पहनाई.......
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Newz Funda, New Delhi क्या आप जानते हैं कि दुनिया में लगभग सभी देशों में अपराधियों की पोशाक पट्टी वाली या फिर धारी वाली ही क्यों होती है. जब जेल में अपराधियों के लिए यूनिफॉर्म शुरु की गई तो उनहे धारी वाले कपड़े ही क्यो पहनाए गए. 

वैसे अब तो दुनिया की बहुत सारी जेलों में पोशाक बदली गई है. लेकिन फिर भी कई देशों में आज भी यही पोशाक चल रही है. आपने जेल तो देखी ही होगी. जेल में कैदी सलाखों के बीच सेल में होते हैं. ये सलाखे वर्टीकल होती है. 

इसी को साम्य रखते हुए कैदियों को भी काली और सफेद पट्टीयों वाली पोशाक पहनाई जाती है ताकि उन्हे यह अहसास रहे कि वे जेल से बाहर नहीं निकल सकते.

पहली बार कब शुरू हुई ये पोशाक

इस तरह की पोशाक कैदियों के लिए सबसे पहले 1820 में न्यूयॉर्क में बनाई गई थी. यह वह समय था जब कैदियों के लिए नई और बड़ी जेलें बनाई जा रही थी. जेलों की इस प्रणाली को ऑबर्न प्रिजन के नाम से जाना जाता था. कई देशों में नियम अलग थे. 

कई देशों में होरीजेंटल काली स्ट्रिप्स की बजाए वर्टीकल काली स्ट्रिप्स के ही कपड़े पहनाए जाते हैं. कई देशों में जेलों में काली स्ट्रिप्स को रंगीन कर दिया गया है.

कई और तर्क भी

बाद में कई और तर्क भी दिए गए जिसमें कहा गया कि कैदियों को ऐसी पोशाक जेल में नीचा दिखाने के लिए, अपराधियों को पहचानने के लिए और इसके अलावा अगर कोई कैदी भाग रहा है तो गार्ड भ्रमित न हो इस सब के लिए पहनाई जाती थी. 

इस वर्दी के कारण अगर कोई कैदी भाग रहा है तो जनता उसे असानी से पहचान सकती है. लेकिन बाद में इस तरह के कपड़े फैशन बन गए थे.

क्या होती हैं ऑर्बन प्रिजन प्रणाली की जेलें

इस प्रणाली की जेलों में कैदियों को चुप रहना होता था. लॉकस्टेप में चलना होता था. सभी को धारियों वाली काली और सफेद वर्दी पहनाई जाती थी.जो कि सलाखों का प्रतीक थी.

कैदी क्यों सलाखों वाले दरवाजों के पीछे ही रखे जाते हैं

जेल में कैदियों को सलाखों वाले दरवाजे के पीछे रखा जाता था. ये सलाखे लोहे की होती थी. इससे गार्ड को उन पर नजर रखने में असानी होती थी. 

क्यों इसका उपयोग बंद हुआ और अब फिर क्यों

20वीं सदी के मध्य तक इसका उपयोग बंद हो गया था. इसका कारण था कि कैदियों के नीचा दिखाने से बचाया जा सके. कैदियों को मनोवैज्ञानिक तौर पर उन्हें खराब न महसूस करवाया जाए. अब इन पोशाकों को फिर से शुरु किया जा रहा है. 

अमेरिका की जेलों में ग्रे, पीले और नारंगी रंग के जम्पसूट को कैदियों की पोशाक बनाया गया था. लेकिन अब इन्हें खत्म करके वापस स्ट्रिप्ड पोशाक की ओर आया जा रहा है.