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यह शिव मंदिर भक्तों के लिए है आस्था का केंद्र, भगवान श्री राम ने यहां खाए थे व्यंजन

बस्ती के कुदरहा ब्लॉक में एक प्राचीन शिव मंदिर है. मान्यता है कि जो भी भक्त यहां आकर भगवान शिव से मुराद मांगता है वह जरूर पूरी होती है. मनोरमा व कुवानाे नदी के संगम तट पर स्थित इस मन्दिर का निर्माण भगवान ब्रह्मा जी के मानस पुत्र उद्दालक मुनि ने किया था.
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यह शिव मंदिर भक्तों के लिए है आस्था का केंद्र

Newz Funda, New Delhi: बस्ती के कुदरहा ब्लॉक में एक प्राचीन शिव मंदिर है. मान्यता है कि जो भी भक्त यहां आकर भगवान शिव से मुराद मांगता है वह जरूर पूरी होती है. मनोरमा व कुवानाे नदी के संगम तट पर स्थित इस मन्दिर का निर्माण भगवान ब्रह्मा जी के मानस पुत्र उद्दालक मुनि ने किया था. इस मंदिर में श्रावण मास में हजारों की संख्या में शिव भक्त आते हैं और भगवान शिव को जलाभिषेक करते हैं, पूरे श्रावण मास में यहां मेला लगने के साथ ही शिव भक्तों का भी ताता लगा रहता है.

इस मंदिर में श्रावण मास में हजारों की संख्या में शिव भक्त आते हैं और भगवान शिव को जलाभिषेक करते हैं, पूरे श्रावण मास में यहां मेला लगने के साथ ही शिव भक्तों का भी ताता लगा रहता है.

साधु-संत लगाते हैं शाम को लिट्टी-चोखा का भोग
मन्दिर के पुजारी दयानंद गोस्वामी ने बताया कि जब भगवान राम माता सीता को ब्याह कर जनकपुर से अयोध्या वापस आ रहे थे तो चैत्र चतुर्दशी के दिन वो इसी पवित्र स्थान पर रुके थे. जिसके बाद भगवान राम ने लिट्टी-चोखा बनवाकर यहां पर खाया था. इसलिए हर साल चैत्र चतुर्दशी के दिन यहां एक विशाल मेला भी लगता है जिसमे दूर-दूर से साधु संत और भक्त आकर स्नान ध्यान के उपरांत शाम के समय में यहां लिट्टी चोखा का भोग भी लगाते हैं और खाते हैं.

बड़ी संख्या में आते हैं श्रद्धालु
पुजारी ने आगे बताया कि मनोरमा और कुवानो नदी के संगम तट पर स्थित यह एक ऐसा मन्दिर है जिसका उल्लेख पुराणों में भी किया गया है. यहां पूरे साल भगवान शिव और राम आते रहते हैं और मुरादे पूरी होने पर भंडारे आदि का आयोजन करते हैं. यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं. ऐसा माना जाता है कि यहां दर्शन और पूजा से ही मन की मुराद पूरी होती है.