ये गाय धरती पर नहीं बल्कि समुंदर के अंदर रहती है..., सबसे शांत जीव होने के बावजूद भी किया जा रहा है इनका शिकार

Newz Funda, New Delhi हिंदू धर्म में गाय को मां का दर्जा प्राप्त है। लेकिन हम आज धरती पर नहीं अपितु समुद्र में रहने वाली गाय की बात कर रहे हैं। जी हां, समुद्र में रहने वाले इस जीव को समुद्री गाय के नाम से जाना जाता है।
इसे पूरे समुद्र में सबसे शांत जीव माना जाता है। ये जीव कभी किसी पर हमला नहीं करता, लेकिन फिर भी इसका तेजी से शिकार हो रहा है। यहां तक कि मनुष्य द्वारा फैलाए प्रदूषण के कारण भी इनकी तेजी से मौत हो रही है।
आखिर कैसे दिखते हैं ये जीव
देखने में तो ये जीव समुद्री सील की तरह लगते हैं। लेकिन ये उनसे काफी अलग होते हैं। करीब 60 वर्ष तक जीवित रहने वाले ये जीव शाकाहारी होते हैं और समुद्र की सतह पर उगने वाले घास को खाते हैं।
We want to be as chilled out & content as this manatee! Have you been lucky enough to spot a sea cow? 💙🐮
— PADI Travel (@PADI_Travel) April 13, 2023
📸 IG/ daviddiez pic.twitter.com/nX78gAE1fz
विज्ञान की भाषा में इसे मैनाटी कहते हैं। ये जीवन 12 से 14 माह तक अपनी मां के गर्भ में रहते हैं तथा फिर पानी के अंदर ही जन्म लेते हैं। इन जीवों के गले में 6 हड्डियां होती है।
इनकी गर्दन इनके शरीर के मुकाबले छोटी होती है। जिसके चलते अगर इन जीवों को दाएं-बाएं देखना पड़े तो उन्हें पूरे शरीर को ही मोड़ना पड़ता है।
धरती पर रहते थे इनके पूर्वज
समुद्री गाय भले ही आज एक समुद्री जीव हैं, लेकिन एक समय में ये धरती पर रहते थे। एक रिपोर्ट के अनुसार करीब 55 मिलियन वर्ष पूर्व समुद्री गाय धरती पर रहा करती थी।
इसके अलावा इस जीव के साथ एक और कहानी जुडी है कि इसे भले ही समुद्री गाय कहा जाता है, लेकिन इसके डिएनए हाथी से अधिक मिलते हैं।
जिस समय ये धरती पर रहते थे उस समय इनके चार पैर होते थे और ये सामान्य गाय की तरह ही घास-फूस खाते थे। जब पृथ्वी ने करवट बदली और हर तरफ पानी ही पानी हो गया तब इन्हें भी पानी में जीने के लिए अपने आप को इसी तरह ढालना पडा।
आखिर क्यों किया जा रहा है इनका शिकार
अक्सर धरती पर जो भी जीव शांत होते हैं उनका शिकार सबसे अधिक होता है। समुद्री गाय के साथ भी कुछ ऐसा ही हो रहा है। इनके शरीर में वसा की मा़त्रा काफी होती है जिसके चलते इनका शिकार भी काफी हो रहा है।
मांस और फैट कारण इनका शिकार तो होता ही है तो वहीं मनुष्य द्वारा फैलाए गए प्रदूषण के कारण भी ये जीव मर रहे हैं। ये जो घास खा कर जीवित रहते हैं वो घास प्रदूषण की वजह से पैदा नहीं हो रहा। इसी के चलते ये भूख से मर रहे हैं।