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महिला क्लर्क से संबंध, वीर्य भी डोनेट किया; लेफ्टिनेंट कर्नल का हो गया कोर्ट मार्शल!

कार्रवाई के तहत सजा के तौर पर लेफ्टिनेंट कर्नल की मूल रैंक, बढ़ी हुई सैलरी और रैंक की 3 साल की सीनियरिटी रूल अनुसार वापस ले ली गई है।
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Newz Funda, Viral Desk भारतीय सेना से जुड़ी एक अजीब से घटना सामने आ रही है। इस बार सेना का मुकाबला किसी दुश्मन से नहीं हुआ बल्कि एक ऐसी घटना घटी है जिसे सुनकर सेना के अफसरों पर लोग उगंली उठा रहे है।

भारतीय सेना के एक हाई रैंक अधिकारी यानि लेफ्टिनेंट कर्नल ने अपने कार्यालय में काम करने वाली महिला क्लर्क से कई बार शारीरिक संबंध बनाए। संबंध बनाने के बाद लेफ्टिनेंट ने महिला को अपना स्पर्म भी डोनेट किया।

वह कई बार महिला के साथ IVF सेंटर गया। एक जगह से दूसरी जगह ट्रांसफर होने के बाद महिला से कर्नल ने बातचीत बंद कर दी। इससे गुस्साई महिला ने सारे राज खोल दिए। महिला के राज से बपर्दा होने के बाद अब लेफ्टिनेंट कर्नल भयंकर मुसीबत में फंस गया है।

हुई कोर्ट मार्शल की कार्रवाई

मिली जानकारी अनुसार महिला के द्वारा राज खोलने पर लेफ्टिनेंट को कोर्ट मार्शाल करने का आदेश हुआ। देहरादून स्थित भारतीय सैन्य अकादमी के एक लेफ्टिनेंट कर्नल पर जनरल कोर्ट मार्शल की कार्रवाई की गई है।

कोर्ट मार्शल की यह प्रक्रिया एक दिन पहले 7 जून को पूरी हुई है। कोर्ट मार्शल की यह प्रक्रिया में अधिकारी ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को स्वीकार कर किया है। आरोपों को स्वीकार करने के बाद लेफ्टिनेंट कर्नल के खिलाफ कार्रवाई की गई है।

कार्रवाई के तहत सजा के तौर पर लेफ्टिनेंट कर्नल की मूल रैंक, बढ़ी हुई सैलरी और रैंक की 3 साल की सीनियरिटी रूल अनुसार वापस ले ली गई है।

महिला-और कर्नल दोनों शादीशुदा

लेफ्टिनेंट कर्नल के खिलाफ कोर्ट मार्शल की यह कार्रवाई इसी वर्ष 11 अप्रैल को प्रारंभ की गई थी. कार्रवाई में दोषी पाया गया लेफ्टिनेंट कर्नल सेना के एजुकेशनल कोर से संबंधित है.

घटना के वक्त अधिकारी की तैनाती देहरादून के आईएमए में थी. लेफ्टिनेंट कर्नल ने आईएमए में ही काम करने वाली महिला क्लर्क के साथ संबंध बनाए थे. महिला क्लर्क का पति कोर ऑफ इंजीनियर्स में हवलदार पद पर तैनात है. वहीं लेफ्टिनेंट कर्नल भी शादीशुदा हैं और उसके दो बच्चे भी हैं.

दोनों के बीच बात कैसे बिगड़ी?

रिपोर्ट के मुताबिक IMA देहरादून में लेफ्टिनेंट कर्नल और महिला का अफेयर काफी समय तक चला. इस दौरान महिला ने अपना आईवीएफ ट्रीटमेंट भी कराया. ट्रीटमेंट कराने कई बार कर्नल महिला के साथ अस्पताल भी गए. उन्होंने महिला को अपना स्पर्म भी डोनेट किया.

लेकिन, इन दोनों के बीच बात तब बिगड़ गई जब अधिकारी की तैनाती IMA देहरादून के बाहर हो गई. और फिर उन्होंने महिला क्लर्क के साथ बातचीत बंद कर दी. साथ छूटने के बाद महिला ने उनके खिलाफ शिकायत दर्ज करा दी. महिला ने पुलिस के साथ-साथ सेना के अधिकारियों से भी लेफ्टिनेंट कर्नल की शिकायत की.

दोषी-सिद्ध हुआ

महिला की शिकायत पर 11 अप्रैल से कोर्ट मार्शल की प्रक्रिया शुरू हुई. कोर्ट मार्शल के दौरान अधिकारी को अपने बचाव का मौका दिया गया. बचाव पक्ष की ओर से दो वकीलों ने दलील भी पेश की थी. कोर्ट मार्शल की कार्यवाही बताती है कि प्रारंभिक प्रक्रिया के दौरान लेफ्टिनेंट कर्नल ने दोषी नहीं होने का अनुरोध किया पेश किया था.

दोषी-करार दिया गया

इस पर सबूत के रूप में पीड़ित महिला ने व्हाट्सएप चैट, फोन रिकॉडिर्ंग जैसे सबूत उपलब्ध कराए. इन सबूतों के अस्तित्व में आने के उपरांत अधिकारी ने दोषी नहीं होने की अपनी याचिका को वापस ले ली. लगाए गए आरोपों को स्वीकार कर लेने के बाद अधिकारी को दोषी करार दिया गया.