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रजिस्ट्री से नहीं बनते आप घर-जमीन के मालिक, जमीन लेते वक्त रजिस्ट्री के साथ बनवाएं ये दस्तावेज, दूर करें गलतफहमी

प्रॉपर्टी खरीदने से पहले लोग रजिस्ट्री के पेपर्स चेक करते है. आपको अवगत करवा दें की रजिस्ट्री  के पेपर रखना ही मालिकाना हक नहीं होता है. जानिए किस डॉक्यूमेंट से आप अपना मालिकाना अधिकार पा सकतें है?

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Newz Funda, New Delhi ज्यादातर लोग मकान, दुकान या जमीन किसी भी प्रकार की प्रॉपर्टी खरीदने से पहले रजिस्ट्री  के पेपर ही देखते है, वहीं कुछ लोग दस्तावेज देखने में लापरवाही कर देते हैं.

इस तरह की डील में वे अपने जीवन भर की कमी लुटा देते है. हम आपको सूचित कर देना चाहते है की सिर्फ रजिस्ट्री पेपर से मालिकाना अधिकार नहीं मिलता इसके लिए आपको एक अन्य दस्तावेज की आवश्यकता होती है. 

अगर आप सोचते है की रजिस्ट्री करवा लेने से प्रॉपर्टी पर आपका मालिकाना हक़ है तो यह आपके भविष्य में परेशानी का विषय बन सकता है. दरअसल किसी प्रॉपर्टी को लेने से पहले नामांतरण यानी म्यूटेशन जरूर चेक कर लें, केवल सेल डीड से नामांतरण नहीं हो जाता है. 

बिना नामांतरण के संपत्ति पर नहीं मिलता मालिकाना अधिकार 

सेल डीड और नामांतरण को लोग एक ही मान लेते है लेकिन नामांतरण के बिना आपको उस प्रॉपर्टी पर हक़ नहीं मिलता. इसी कारण सेल डीड और नामांतरण अलग चीज़े है. किसी भी प्रॉपर्टी पर आपका हक़ तब तक नहीं है जब तक उसका नामांतरण तो किसी दूसरे व्यक्ति के पास होता है चाहे आपने रजिस्ट्री करवा रखी हो.   

नामांतरण कैसे होगा ? 

भारत में 3 प्रकार की अचल संपत्ति होती है. सबसे पहली खेती की जमीन, दूसरी आवासीय जमीन, तीसरी औद्योगिक जमीन इस इसमें मकान की जमीन भी सम्मिलित हैं. इन तीनों का नामांतरण अलग प्रकार से अलग जगहों पर किया जाता है.

किसी जमीन को सेल डीड के माध्यम से खरीदा जाए या फिर किसी अन्य साधन से अर्जित किया जाए, तभी उस दस्तावेज को साथ लेकर संबंधित कार्यालय पर उपस्थित होकर संपत्ति का नामांतरण करवा लेना चाहिए.

यहां से ले सकते है पूरी जानकारी 

खेती के रूप में अर्जित होने वाली जमीन का नामांतरण हल्के के पटवारी द्वारा किया जाता है. आवासीय भूमि का नामांतरण करने के लिए भूमि से संबंधित सभी दस्तावेजों का रिकॉर्ड इकट्ठा करें जो की उस क्षेत्र की नगर निगम, नगर पालिका, नगर परिषद या फिर गांव के मामले में ग्राम पंचायत के पास होता है.

वहीं औद्योगिक जमीन का रिकॉर्ड औद्योगिक विकास केंद्र जो प्रत्येक जिले में होता है उसके समक्ष रखा जाता है आप वहाँ जाकर जांच करवा लें.