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Mughal Dark Secrets: मुगल शासक घोड़े जैसी शक्ति पाने के लिए खाते थे ये खास चीज, जानें शाही मेन्यू

मुगल शासकों के बड़े बड़े महल और उनके हरम की कहानियां आपने अक्सर सुनी होगी। प्रजा में यह बात मशहूर थी की हरम में सुंदर और आकर्षित महिलाओं को रखा जाता है ताकि राजा और उनके कुछ चाहने वाले...
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Newz Funda, New Delhi हिन्दुस्तान पर मुगलों ने एक लंबे समय तक राज किया। उस समय के विद्वान ने मुगल शासन के बारे में कई किताबें (Mughal Dark Secrets) लिखी, जिसमें मुगलों के कई किस्सों का जिकर किया गया हैं।

हिन्दुस्तान की धरती पर मुगल शासकों के एक लंबे समय तक राज किया। मुगल इतिहास को पसंद करने वाले मुगल काल की हर बात जानने के लिए हमेशा उत्सुक रहते हैं। मुगल शासन काल में विद्वानों की ओर से बहुत सी किताबें लिखी गई जिसमें उनका ऐसा इतिहास लिखा है जो आजतक पर्दें के पीछे ही रहा।

मुगल शासकों के बड़े बड़े महल और उनके हरम की कहानियां आपने अक्सर सुनी होगी। प्रजा में यह बात मशहूर थी की हरम में सुंदर और आकर्षित महिलाओं को रखा जाता है ताकि राजा और उनके कुछ चाहने वाले मौजमस्ती कर सके।

लेकिन सोचने वाली बात यह है कि अखिरकार महाराजा और उनके खास ऐसा क्या खाते थे कि वह हर समय जोश में भरे रहते थे। क्या खाने से उनके हर अंग में गर्मी दौड़ने लगती थी। आज हम आपको मुगलों के स्वादिष्ट खाने के बारे में बताने जा रहे हैं।

हम आपको बताते है कि पुर्तगाली व्यापारी मैनरिक ने भी मुगल शासन पर किताब लिखी है। उनकी इस किताब में जिक्र है कि पहले से चली आ रही मुगलों की परंपरा को शाहजहां

ने भी कैसे आगे बढ़ाया। शाहजहां भी अपने पूर्वजों की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए हरम में अपनी बेगम और रखैलों के साथ खाना खाता था। (Mughal Dark Secrets)

राजमहलों में खाना बनने के बाद मुगल शासक और उनके करीबियों को खाना किन्नर परोसते थे। वहीं हर रोज का खाना बनने से पहले शाही हकीम यह तय करता था कि खाने में क्या बनेगा। वो अकसर ऐसे व्यंजन तय करते थे जो राजाओं के अंग को ताकत दें और वह बिस्तर पर कमाल कर सके।

डच व्यापारी फ्रैंसिस्को पेल्सार्त ने भी अपनी किताब जहांगीर्स इंडिया में मुगलों के शाही खाने और पकवानों के बारे में लिखा है। वहीं मैनरिक की लिखी किताब ट्रेवल्स ऑफ फ़्रे सेबेस्टियन मैनरिक में भी मुगलों के खान-पान का वर्णन किया गया है।

उन्होंने अपनी किताब में लिखा है कि मुगलों के शाही व्यंजन के बारे में लिखते हुए कहा है कि उनको परोसे जाने वाले व्यंजन हर रोज तय होते थे। शाही खाने का कुछ हिस्सा मुगलो के शाही हकीमो के पास होता था। 

हकीम शाही भोजन में ऐसी चीजों और औषधियों को मिलाते थे कि मुगल शासक स्वस्थ रहे और ताकतवर रहे। मुगलों का खाना मौसम और बादशाह के स्वास्थ्य के हिसाब से तैयार किया जाता था।

मुगलों की रसोई में बनने वाले चावल के दानों पर चांदी के वर्क लगाए जाते थे। इसके बारे में कहा गया है कि चांदी की वजह से खाना पचने में आसानी होती थी। इसके साथ ही यह कामोत्तेजना को भी बढ़ाता था। शाही खाना गंगा नदी और बारिश के छने हुए पानी में तैयार किया जाता था।