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Home Loan Emi Update: होम लोन की लगातार 3 EMI नहीं चुकाने पर होता है क्या? 1 नोटिस और बैंक शुरू कर देता है ये Action

जब ग्राहक लगातार दो EMI नहीं भरता है, तो बैंक सबसे पहले एक रिमाइंडर भेजता है। इसके बाद भी ग्राहक तीसरी ईएमआई की किस्त भुगतान करने में असफल रहता है तो बैंक फिर Loan चुकाने के लिए एक कानूनी नोटिस भेजता है।

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Newz Funda, New Delhi होम लोन के इस विकल्प ने एक आम आदमी के लिए घर  खरीदना बहुत आसान कर दिया है। खासकर इस सुविधा का सबसे बड़ा फायदा बड़े शहरों में रहने वाले लोग Home Loan की मदद से आसानी से फ्लैट खरीद लेते हैं।

हालांकि अब छोटे शहरों में भी  तेजी से फ्लैट कल्चर बढ़ रहा है। खासकर नौकरी-पेशा वाले लोगों को अब बैंक से आसानी से Home Loan मिल जाता है। 

लेकिन कई बार ग्राहक होम की Emi समय पर नहीं चुका पाते हैं। खासकर नौकरी छूटने या फिर मेडिकल इमरजेंसी की स्थिति में  EMI भरने से चूक जाते हैं। क्या आपको पता है होम लोन की EMI नहीं चुकाने पर क्या होता है? कितनी EMI तक बैंक इंतजार करता है और फिर क्या Action लेता है?

 दरअसल, Home Loan को Secure Loan की कैटेगरी में रखा जाता है, इसलिए इसके बदले ग्राहक को गारंटी के तौर पर Bank के पास किसी संपत्ति को गिरवी रखना होता है.

लगातार 3 किस्त नहीं आने पर बैंक हरकत में 

अब आइए जानते हैं, होम लोन नहीं चुकाने पर EMI की Guideline's क्या है। अगर कोई ग्राहक Home Loan की पहली किस्त नहीं चुकाता है तो बैंक या वित्तीय संस्थान उसे गंभीरता से नहीं लेता है.

बैंक को लगता है कि किसी कारणवश एक EMI में देरी हो रही है. लेकिन जब ग्राहक लगातार दो EMI नहीं भरता है, तो बैंक सबसे पहले एक Reminder भेजता है. इसके बाद भी ग्राहक 3 EMI की किस्त भुगतान करने में असफल रहता है तो Bank फिर Loan चुकाने के लिए एक कानूनी नोटिस भेजता है. 

एक तरह से 3 EMI नहीं चुकाने के साथ बैंक कार्रवाई के मू़ड में आ जाता है. अगर कानूनी नोटिस के बाद Loan नहीं चुकाता है तो फिर बैंक ग्राहक को डिफॉल्टर घोषित कर देता है.

साथ ही Bank Loan Account को NPA मान लेता है. अन्य वित्तीय संस्थाओं के मामले में यह सीमा 120 दिन की होती है. इस समय सीमा के बाद Bank वसूली प्रक्रिया के बारे में सोचने लगता है. 

RBI की Guidelines

Security Loan में Property को गिरवी रखा जाता है, ताकि Loan न चुकाने पर बैंक उस Property को बेचकर लोन की भरपाई कर सके. हालांकि Bank की तरफ से ये आखिरी विकल्प होता है.

RBI की Guideline's के मुताबिक ग्राहक Loan को चुकाने के लिए काफी समय दिया जाता है. बैंक के पास अपने पैसे वापस लेने के लिए कानूनी तौर पर आखिरी विकल्प Bit होता है. नीलामी से मिली राशि को Loan की रकम की भरपाई की जाती है.

मौटे तौर पर बैंक 3 महीने की EMI नहीं चुकाने के बाद ग्राहक को 2 Month का और वक्त देता है. अगर ग्राहक इसमें भी चूक जाते हैं, तो बैंक ग्राहक संपत्ति के अनुमानित मूल्य के साथ नीलामी Notice भेजता है.

अगर ग्राहक नीलामी की तारीख से पहले यानी नीलामी Notice मिलने के 1 महीने बाद भी किश्त नहीं भरता है तो बैंक नीलामी औपचारिकताओं के साथ आगे बढ़ता है.

डिफॉल्डर होने का खतरा

हालांकि इन 6 महीने के भीतर ग्राहक किसी भी समय Bank से संपर्क कर बकाया राशि का भुगतान कर मामले को सुलझा सकता है. समय पर Loan नहीं चुकाने से सबसे बड़ा नुकसान ये होता है कि Bank Coustmer को डिफॉल्डर घोषित कर देता है.

जिससे ग्राहक का सिबिल/क्रेडिट स्कोर खराब हो जाता है. Cibile Score खराब होने से भविष्य में किसी भी तरह के Loan मिलने में परेशानी होती है. अगर किसी के साथ ऐसी स्थिति आती है, यानी EMI चुकाने में असफल रहते हैं तो इसके लिए भी कुछ उपाय हैं.

ग्राहक ने जिस Bank से होम लोन लिया है, वहां संपर्क करके अपनी वित्तीय प्राथमिकताओं के आधार पर Home Loan पुनर्गठित करने के तरीकों पर चर्चा कर सकते हैं. ग्राहक बैंक को अपनी परेशानी बता सकता है, साथ ही दस्तावेज सौंप सकते हैं.

Loan का पुनर्गठन से कुछ महीनों तक EMI टालने या EMI की राशि कम करने में मदद मिल सकती है. हालांकि ऐसे मामले में होम लोन की टेन्योर बढ़ जाएगा. इसके अलावा इसका सीधा हल ये है कि होम लोन की EMI को हरसंभव समय पर चुकाने की कोशिश करें.

इसके लिए कोई Fixed Deposite है तो उसे तोड़ दें. कहीं भी निवेश है तो उसे निकाल EMI भर दें. इसके लिए परिवार या दोस्तों से उधार भी ले सकते हैं और बाद में अपनी सुविधा के अनुसार वापस कर सकते हैं.

रिकवरी एजेंट धमकी दे तो क्या करें

Loan नहीं चुकाने पाने से वित्तीय संस्थाओं की ओर से Recovery Ajent को भेजकर ग्राहक पर दबाव बनाया जाता है. उसे डराया-धमकाया भी जाता है. देशभर में Recovery Agent की मनमानी के कई मामले सामने आते रहते हैं.

अगर आपको भी Home Loan चुकाने को लेकर Recovery Agent परेशान करे तो आप सीधे पुलिस से शिकायत कर सकते हैं. क्योंकि Loan की किस्त नहीं चुका पाना Civil  विवाद के दायरे में आता है, इसलिए Defalter के साथ कोई मनमानी नहीं की जा सकती है. इसके अलावा आप को RBI को भी लिखित शिकायत दे सकते हैं.