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Google Update: दुनियाभर में डर, AI क्या सच में छीन लेगी नौकरियां? गूगल के CEO सुंदर पिचई बोले- अच्छा सोचिए

विज्ञानिक जिस आधुनिक दुनिया की कल्पना लंबे समय में कर रहे थे अब वो धीरे. धीरे आकार ले रही है। एआई तकनीकी ने लगभग हर क्षेत्र में एंट्री कर ली है। वहीं बहुत से लोगों को लगता है कि आर्टिफिशिएल इंटेलीजेंस  बहुत-सी नौकरियों के लिए गंभीर खतरा है।

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Newz Funda, New Delhi दुनिया में अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का सिक्का जम रहा है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की इस बेहतरीन खोज ने अब सॉफ्टवेयर इंजीनियर्स और आर्टिस्ट की नौकरियों को भी संकट में डाल दिया है। 

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के समाज पर पड़ रहे प्रभाव को लेकर खूब बहस छिड़ी हुई है। बिंग एआई और बार्ड  जैसे एआई.पावर्ड चैटबॉट्स के आने से नौकरी को लेकर लोगों की चिंताएं बहुत बढ़ गई हैं।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से बने चैटबॉट आर्टिकल लिख सकते हैं। साथ ही कोड रिव्‍यू कर सकते हैं और टेक्‍स्‍ट इनपुट के आधार पर इमेज बनाने सहित बहुत से ऐसे काम कर सकते है, जो अभी तक एक्सपर्ट करते आए हैं।

इसीलिए कहा जा रहा है कि आर्टिकल राइटर, सॉफ्टवेयर इंजीनियर्स और आर्टिस्ट की जॉब खतरे में है। लोगों की नजर इस पर है कि दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनी गूगल सीईओ सुंदर पिचई इस बारे में क्या सोचते हैंघ् हाल ही में सुंदर पिचई ने इस बारे में विस्तार से बात की।

न्यूयॉर्क टाइम्स के साथ एक पॉडकास्ट के दौरान पिचई ने कहा कि एआई को लेकर कुछ चिंताएं उनके मन में भी हैं। बार्ड और चैटजीपीटी जैसे जेनरेटिव एआई प्लेटफॉर्म के सकारात्‍मक पक्ष पर भी ध्‍यान देने की जरूरत है।

जब उनसे पूछा गया कि गूगल के सॉफ्टवेयर इंजीनियरों को अपनी नौकरी को लेकर चिंतित होने की जरूरत है, तो पिचई ने कहा कि हर किसी को नई तकनीक को अपनाने के लिए तैयार रहना चाहिए।

तकनीक को धारण अच्‍छा ही होगा

सुंदर पिचई एआई को लेकर काफी आशावान नजर आए। हालांकि, एआई को लेकर अपनी चिंताओं पर उन्‍होंने खुलकर बात नहीं की। पिचई ने कहा कि आधुनिक तकनीक को धारण करना बहुत जरूरी है। AI के मामले में भी यही बात लागू होती है। लोगों को एआई के बहुत से क्षेत्रों में प्रयोग को लेकर कोर्स करेक्‍ट करने की आवश्‍यकता है।

इंजीनियर्स को मिलेगी मदद

गूगल सीईओ पिचई ने कहा कि एआई के इस्‍तेमाल से सॉफ्टवेयर इंजीनियर्स को सहायता होगी। इससे सॉफ्टवेयर प्रोग्रामिंग के दौरान आने वाली मुश्किलें आसान होंगी। साथ ही प्रोग्रामिंग बेहतर होगी।

ऐसा भी हो सकता है कि एआई से प्रोग्रामिंग करना काफी मजेदार हो जाए। एआई इस काम में वैसे ही काम आएगा जैसे गूगल डॉक्‍स लिखने में काम आता है। पिचई का यह भी मानना है कि ChatGPT और बार्ड जैसे टूल्स की वजह से प्रोग्रामिंग ज्‍यादा से ज्‍यादा लोगों को सुलभ होने जा रही है। इससे आम आदमी भी नई चीजें क्रिएट करेगा। इससे नई भूमिकाएं पैदा होंगी।