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Golden Treasure : हैरान कर रही है 2300 साल पहले दफन की गई ममी, मिला सोने का दिल और जीभ, 49 तावीज भी मिले, जानें ओर क्या है राज

शोधकर्ताओं को  दक्षिण मिस्र के पिरामिडों में 100 साल से भी ज्‍यादा पहले एक किशोर की ममी मिली थी. ये ममी काहिरा के मिस्र म्‍यूजियम के स्‍टोर में यूं ही पड़ी थी. अब जब उसका अध्‍ययन शुरू किया गया तो चौंकाने वाले तथ्‍य सामने आ रहे हैं.
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Newz Funda, New Delhi मिस्र के पिरामिडों पर जितनी बार शोध व अध्‍ययन किया जाता है, हर बार कुछ नई जानकारी ही हासिल होती है. इस बार ऐसी मिली है, जिसने तूतेनखामेन की रईसी और वैभव को ही चुनौती दे डाली है. शोधकर्ताओं को ये ममी 1916 में मिली थी, लेकिन अब तक इसका अध्‍ययन नहीं किया गया था.

ये ममी 100 साल से ज्‍यादा समय तक काहिरा के इजिप्‍ट म्‍यूजियम के स्‍टोर रूम में यूं ही पड़ी रही. अब जब काहिरा यूनिवर्सिटी के डॉ. सहर सलीम की टीम ने इस ममी का अध्‍ययन करने का फैसला किया तो निकले नतीजों ने पूरे दल को चौंका दिया.

शोधकर्ताओं को 1916 में मिली ये ममी एक किशोर की बताई जा रही है. अध्‍ययनकर्ताओं का दावा है कि निधन के समय इसकी उम्र 14 से 15 साल के बीच रही होगी. अध्‍ययन करने वाले दल ने इस ममी का अध्‍ययन सीटी स्‍कैनर की मदद से किया है.

ममी की तस्‍वीरों से पता चला कि मरने वाले किशोर के शव के अंदर अलग-अलग तरह के 49 तावीज मौजूद थे. इनमें से कई तावीज सोने से बने हुए थे. खोजकर्ताओं को ये ममी दक्षिणी मिस्र के एदफू क्षेत्र से मिली थी.

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ममी को क्‍यों दिया ‘गोल्‍डन ब्‍वॉय’ नाम?

शोधकर्ताओं को शव के अंदर 49 तावीजों के अलावा ममी के मुंह में जीभ भी सोने की ही मिली है. इसके अलावा छाती के नीचे दिल के आकार का सोने का एक बड़ा टुकड़ा भी मिला है. वहीं, उसके गुप्‍तांग के पास भी दो अंगुल की सोने से बनी चीज मिली है.

ममी के चेहरे पर सोने से बना एक मास्‍क भी था. अध्‍ययन के दौरान ममी में इतना सोना मिलने के कारण शोधकर्ताओं ने इसका नाम ‘गोल्‍डन ब्‍वॉय’ रख दिया है. विशेषज्ञों का कहना है कि समझ नहीं आ रहा, हमने इतने समय तक इस जबरदस्‍त ममी का अध्‍ययन क्‍यों नहीं किया. इसने कई पुरानी धारणाओं को बदला है.

किशोर का नहीं किया गया था खतना

शोधकर्ताओं का कहना है कि इस किशोर का खतना नहीं किया गया था. स्‍कैन से पता चला कि उसके दांत और हड्डियां पूरी तरह से स्वस्थ थीं. उसमें कुपोषण का कोई संकेत नहीं मिला है. इसका साफ मतलब है कि वह मिस्र के किसी ऊंचे खानदान का सदस्‍य था. इस ममी को संरक्षित करने के लिए उसके दिमाग और दूसरे अंगों को निकाल लिया गया था. डॉ. सहर सलीम के अध्‍ययन के बाद यूं ही स्‍टोर में एक सदी तक पड़ी रही इस ममी को नेशनल म्‍यूजियम में खास जगह मिल गई है.

क्‍यों शव में रखे जाते थे सोने के अंग?

अध्‍ययन दल के मुखिया डॉ. सहर सलीम का कहना है कि मिस्र के लोग अपने प्रियजनों को अले जन्‍म में सुरक्षा दिलवाने के लिए उनके शवों में तावीज रखते थे. वहीं, सोने की जीभ इसलिए रखी जाती थी ताकि अगले जन्‍म भी वे बोल सकें. स्‍कैन से ये पता चला है कि किशोर के शव को फूलों से सजाया गया था.

साथ ही शव को सैंडल जैसा कुछ पहनाया गया था. शोधकर्ताओं के मुताबिक, ये ममी 332 से 30 ईसा पूर्व के बीच की है. साथ ही ये ममी टॉलमी काल की बताई जा रही है. वह कहते हैं कि शोधकर्ताओं ने 19वीं सदी से लेकर 20वीं सदी तक मिस्र में जमकर खुदाई की. इन खुदाइयों के दौरान बहुत प्राचीन ममी बाहर आईं. इनमें से काफी अभी ताबूत से बाहर ही नहीं निकाली गई हैं.

तूतेनखामेन का मकबरा कब मिला?

दक्षिण मिस्र में पाई गई गोल्‍डन ब्‍वॉय की ममी के छह साल बाद ही ब्रिटेन के पुरातत्‍वविद होवार्ड कार्टर की टीम ने वैली ऑफ किंग्‍स में अपने वैभव के लिए दुनियाभर में पहचाने गए तूतेनखामेन के मकबरे को खोजा था. इस पर किए गए अध्‍ययनों से उनके वैभव के बारे में पता चला.

अब गोल्‍डन ब्‍वॉय ममी के अध्‍ययन ने तूतेनखामेन के वैभव को चुनौती दे डाली है. गोल्‍डन ब्‍वॉय की ममी को दो ताबूतों में रखा गया था. बाहर के ताबूत पर यूनानी भाषा में किशोर के बारे में लिखा गया है. वहीं, अंदर का ताबूत लकड़ी से बना हुआ है. वैज्ञानिकों को विश्‍वास है कि जैसे-जैसे इस ममी का अध्‍ययन आगे बढ़ता जाएगा, वैसे वैसे नई नई और चौंकाने वाली जानकारियां सामने आती जाएंगी.