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Chanakya Niti: शादीशुदा जीवन में चार चांद लगा देते है महिला के ये गुण, मर्द को उपर उठा करती है...

नीति शास्त्र के अनुसार शादी के बंधन में बंधने के बाद पति पत्नी एक दूसरे के पूरक तो हो जाते है लेकिन फिर भी कुछ ऐसी बाते होती है जो वह एक दूसरे के साथ शेयर नहीं करते।

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neeti shastra

Newz Funda, New Delhi आचार्य ने अपनी नीति शास्त्र में जिक्र किया है कि विवाहिक जीवन की कुछ ऐसी खास बातें हैं जो शादीशुदा महिला कभी अपने पति के साथ सांझा नहीं करती। कहा जाता है कि अगर वह ये बातें अपने पति को बता देती है तो उनका रिश्ता खराब हो जाता है। 

शादी के बाद पति-पत्नी एक-दूसरे का पूरक माना जाता हैं, लेकिन चाणक्य नीति कहती है कि कुछ ऐसी खास बातें हैं जो पत्नी को अपनी से दूर रखनी चाहिए। क्योंकि ये बातें मजबूत से मजूबत रिश्ते की नींव को हिलाकर रख देती है। फिर इन बातों की वजह से रिश्ते में बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। 

नहीं बतानी चाहिए पत्नी को पति को ये 2 बातें

चाणक्य ने नीति शास्त्र में जिक्र करते हुए कहा है कि विवाह के बाद महिलाओं को अपने ससुराल और अपनी सास की बुराई के साथ.साथ अपनी सास के कई राज ऐसे होते हैं जो किसी को बताना उचित नहीं है।

इससे दोनों परिवारों के के रिश्तों के बीच मतभेद होना शुरु हो जाता है। पति और पत्नी के संबंधों पर बुरा असर देखने को मिलता है। साथ ही शादीशुदा जीवन में खटास आने लग जाती है।

वैवाहिक जीवन की सफल बना देती ये चीजें 

पत्नियों को कभी भी अपने पति की तुलना किसी दूसरी महिला के पति से नहीं करनी चाहिए। अगर पत्नी ऐसा कहती है तो पति को बहुत बूरा महसूस होता है। उस दर्द को केवल एक पुरुष ही  महसूस कर सकता है।

अगर आप वैवाहिक जीवन में तनाव को कम करना चाहते हैं तो आप ये काम कभी ना करेंण् आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह बात पतियों पर भी लागू होती है।

विनम्रता से आएं पेश 

चाणक्य के अनुसार पति-पत्नी दोनों को एक-दूसरे के प्रति विनम्रता से पेश आना सुखी जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। किसी महापुरुष ने कहा है कि'विनम्रता से होता है दिलों पर राज'. विनम्र व्यवहार से क्रोध दूर होता है, जिससे आपस में झगड़ा होने का चांस ज्यादा हो सकते हैं। 

क्रोध पर रखें काबू

चाणक्य कहते हैं कि क्रोध पर नियंत्रण करने से वैवाहिक़ को एक सुहाने राह पर लेकर जाता है। जब व्यक्ति गुस्से में होता है तो वह अच्छे और बुरे के बारे में बिल्कुल भी नहीं सोचता है और इसी चक्कर में वह अपने पार्टनर को बहुत सी गलत बातें कह देता है. जो उसे कभी नहीं कहनी चाहिए। 

दान का जिक्र

दान का फल तभी मिलता है जब एक हाथ से दिया हुआ दान का पता अपने ही दूसरे हाथ को पता ना चले, असल दान उसे की कहा जाता है।

कहने का तात्पर्य यह है कि कभी को भी दान देकर प्रशंसा ना करें और किसी के सामने इस बात का जिक्र करें कि आज इतने रुपये का दान दिया है। ऐसे में अगर पत्नी दान करती है तो इस बात का जिक्र पति के साथ ना करें। अन्यथा दान व्यर्थ चला जाएंगा। 

कमाई का जिक्र

चाणक्य के नीति शास्त्र के अनुसार पत्नी को अपने पति की या खुद की कमाई का कुछ हिस्सा अपने पास एक सेविंग के रूप में अवश्यक रखना चाहिए। ताकि उस पूंजी को मुश्किल समय में प्रयोग किया जा सके।

घर के एक सदस्य की नजर में रखा हुआ ये पैसा परिवार की मुश्किल घड़ी में बहुत काम आता है। यदि आप ऐसा नहीं करते हैं तो आपको पैसे की खातिर किसी दूसरे या रिश्तेदारों के आगे हाथ फैलाने की जरूरत नहीं पड़ती। 

Disclaimer: 

यहां दी गई जानकारी केवल अनुमानों और सूचनाओं के आधार पर दी गई है। Newz Funda किसी भी प्रकार की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या विश्वास करने से पहले किसी एक्सपर्ट्स की सलाह जरुर लें।