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Ajab Gajab: शादी से पहले दूल्हा- दुल्हन करते है शमशान घाट में पुजा,आइए जाने कैसी अनोखी है ये पंरपरा

भारत देश को विविधताओं का देश कहते है. यहां बहुत सारे रीती-रिवाजो, पंरपराओं और संस्कृतियों का पालन किया जाता है।  देश के अलग-अलग हिस्सो मे शादी के बहुत सारे रिवाज देखने को मिलते है। अक्सर आपने देखा होगा कि शादी के बाद नया जोड़ा अपनी कुल देवी या कुल देवता के मंदिर में जा कर पुजा करते है लेकिन आज हर आपको एक ऐसे गांव के बारे में बताएगें. जहां पुजा मंदिर में नहीं बल्कि शमशान घाट.

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Newz Funda, New Delhi राजस्थान के जैसलमेर से करीब 6 किलोमीटर की दूरी पर एक बड़ा नाम का गांव बसा हुआ है। यहां शादी के बाद नए जोड़े के लिए पहली पुजा की एक अनोखी पंंरपरा बनी हुई है जो सदियो से चलती आ रही है। 

आप भी जानकर हैरान हो जाएगें कि इस गांव के नए जोड़े को पहली पुजा के लिए किसी देवी या देवता के मंदिर में नही बल्कि शमशान घाट में ले जाया जाता है और वही पर उनकी पहली पुजा करवाई जाती है। चलिए जानते है क्या है इस अनोखे रिवाज के पीछे का असली कारण.....

 इस गांव के लोग सदियो से शमशान घाट को खास मानते आ रहे है. लोग की मान्यता के अनुसार यह राजपरिवार का खानदानी शमशान घाट है. इस शमशान घाट में 103 राजा और रानियों की याद में छतरिया बनवाई गई हैं। इस शमशान घाट की वास्तु कला से लोग प्रभावित हैं।

गांव के लोग इस शमशान घाट पर बहुत आस्था रखते है.यहा सिर्फ नए जोड़े की ही पुजा नही करवाई जाती, बल्कि कोई भी शुभ काम शुरू करने से पहले लोग यहां आ कर पुजा करते है।

क्यों की जाती है शमशान घाट मे पुजा 

गांव के लोगो का ऐसा मानना है कि अगर कोई नवविवाहित जोड़ा इस शमशान घाट में अपनी पहली पुजा करता है तो  उन्हें स्वर्गवासी राजा-रानियों का आशीर्वाद मिलता है। नवविाहित जोड़ा श्मशान घाट में राजा-रानियों की समाधियों पर पूजा करने जाता  है। 

शादी के बाद आने वाली पहली पुर्णिमा के दिन भी पुजा की जाती है. ऐसा माना जाता है कि यहां पर पुजा करने और राजा-रानियों का आशीर्वाद लेने से वैवाहिक जीवन सुखमय होता है।

आती है शमशान घाट से आवाजें

गांव के लोग इस श्मशान घाट में कभी भी आ जा नहीं सकते हैं। गांव के अधिकतर लोग श्मशान घाट में जाने से डरते हैं। रात में श्मशान घाट के आसपास गांव का कोई भी व्यक्ति नहीं जाना चाहता है। 

स्थानीय लोग बताते हैं कि श्मशान घाट के आसपास अक्सर घुड़सवारों और घोड़ों की टापों की आवाजें सुनाई देती हैं। इसके साथ ही रात में हुक्के की गुड़गुड़ाहट की भी आवाज सुनी जाती है।