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Ajab Gajab: दुनिया का वो सवाल, जिसे पूछने वाला बन जाता है नरभक्षी! जवाब देने वाले की खाई जाती है लाश, जानें इसका रहस्य

आमतौर पर अगर कोई इंसान किसी दूसरे इंसान को मारकर खा जाए, तो उसे जेल हो लाएंगा ये तो पक्का है। लेकिन दुनिया में एक ऐसी स्थिति के बारे में बताया गया है, जिसमें ऐसा करने के बाद भी जेल नहीं होती.

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Newz Funda, New Delhi इंसान ने अपने जिंदा रहने के लिए खाने का जुगाड़ करना शुरू किया। इसके लिए वह प्रकृति से ऐसा जो खाया जा सके वह सबकुछ खाने लगा, इसलिए मांसाहारी और शाखाहारी दोनों तरह से वह भोजन ग्रहण करने लगा।

मानव के शुरूआती दौर में प्रकृति का तालमेल बनाएं रखने के लिए खाने-पीने की जरुरत पूरा करने के लिए फ़ूड चेन बनी। फूड चेन में एक जीव जिंदा रहने के लिए  दूसरे जीव पर निर्भर करता था।

जैसा कि आपको पता है कि इंसान हो या कोई जानवर, सब जिंदा रहने के लिए दूसरे पर ही निर्भर करते हैं। लेकिन किसी भी तरह के जीव कभी खुद की प्रजाति के जीवों का शिकार नहीं करते।

खासकर आज के समय में इंसानों के दूसरे इंसान का मांस खाने का रिवाज नहीं है। अगर ऐसा कोई करता है तो उसे नरभक्षी मानकर पकड़ लिया जाता है और सजा दी जाती है। 

नरभक्षी जैसे इंसान से हमेशा ही समाज के लिए खतरें बना रहता है। समाज में अगर ऐसे किसी के बारे में पता चलता है तो उसे पकड़ कर जेल में डाल दिया जाता है।

लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक ऐसी स्थिति है, जिसमें अगर इंसान दूसरे इंसान को खा जाए तो भी उसे सजा नहीं दी जा सकती. जी हां, इस नियम को कहीं लिखा तो नहीं गया है लेकिन इसे कहा जाता है ‘द डेलिकेट क्वेस्चन’.

जी हां, इस सवाल को पूछने वाला नरभक्षी बन जाता है और इस सवाल का जवाब देने वाले को खा जाता है.

ऐसा है नियम

मौत के सवाल का अनोखा नियम है। जब लोग ऐसी स्थिति में फंस कए कि उनके पास खाने के लिए कुछ ना बचे तब लोग चिट के माध्यम से मरने को तैयार होते हैं।

इस हादसे में ये तय हुआ कि जिसके पास कुर्बानी का चिट आएगाए उसे मारकर जहाज के बाकी लोग खा जाएंगे। ऐसा ही हुआ भी। हादसे में सिर्फ आठ लोग बचे।

सभी को 5 अप्रैल 1821 में बचाया जा सका। चार महीने से ज्यादा समय समुद्र में बिताने के लिए इन लोगों ने बाकी का मांस खा लिया।

आज भी इस डेलिकेट क्वेस्चन का नियम बरकरार है। जब ऐसी स्थिति आ जाए कि भूख से मौत हो जाएए तब लोग नरभक्षी बन सकते हैं।