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'हथियार, हथियार और ज्यादा हथियार...', अमेरिका पहुंचे जेलेंस्की ने मांगी मदद्, अब नहीं होगी कोई समझौते की गुंजाइश

रूस-यूक्रेन जंग को आज 300 दिन हो गए हैं लेकिन ये यूद्ध रुकने का नाम ही नहीं ले रहा है. बता दें कि युक्रेन के राष्ट्रयपति अब अमेरिका हथियार मांगने गए हैं.

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Newz Funda, Viral Desk खबर है कि बाइडेन जेलेंस्की को 2 बिलियन डॉलर देने जा रहे हैं. इस परिस्थिति में अगले साल जंग खत्म होने की संभावना बेहद कम है.

रूस यूक्रेन वार पर नया साल क्या कोई सकारात्मक उम्मीद लेकर आएगा? 24 फरवरी 2022 को शुरू हुए इस युद्ध के 300 दिन पूरे हो चुके हैं, लेकिन जंग का कोई नतीजा दूर दूर तक नहीं दिख रहा है. 

यूक्रेन जंग से तबाह सा हो गया है लेकिन अमेरिकी और NATO से मिल रहे डॉलर और विध्वंसक हथियारों के दम पर राष्ट्रपति जेलेंस्की पुतिन के सामने तन कर खड़े हैं. 

इस बीच जेलेंस्की जंग के शुरु होने के 300 दिनों में पहली बार विदेश यात्रा पर अमेरिका पहुंचे हैं. जेलेंस्की ने कहा कि इस यात्रा का उद्देश्य यूक्रेन की ताकत और रक्षा क्षमता को मजबूत करना है, वो भी ऐसे समय में जब रूस जमा देने वाली सर्दियों के बीच यूक्रेन के एनर्जी और वाटर सप्लाई प्रतिष्ठानों पर हमला कर रहा है.  

राष्ट्रपति जेलेंस्की के राजनीतिक सलाहकार माईखाइलो पोडोलियाक ने कहा कि जेलेंस्की की अमेरिकी यात्रा ने दोनों देशों के बीच पनपे विश्वास के उच्च स्तर को दिखाया है और उन्हें यह समझाने का अवसर दिया कि यूक्रेन को किन-किन हथियारों की आवश्यकता है. 

जेलेंस्की के राजनीतिक सलाहकार माईखाइलो पोडोलियाक ने कहा कि, "हथियार, हथियार और अधिक हथियार... राष्ट्रपति जेलेंस्की के लिए व्यक्तिगत रूप से यह बताना महत्वपूर्ण है कि हमें कुछ खास किस्म के हथियारों की आवश्यकता क्यों है? विशेष रूप से, बख्तरबंद वाहन, नवीनतम मिसाइल रक्षा प्रणाली और लंबी दूरी की मिसाइलें." 

बता दें कि बाइडेन यूक्रेन के लिए 2 बिलियन डॉलर की अतिरिक्त सैन्य सहायता का ऐलान करने वाले हैं. इसमें पैट्रियॉट मिसाइल भी शामिल है ताकि यूक्रेन रूसी मिसाइलों की बौछार से खुद को बचा सके. 

बाइडेन से मुलाकात, संयुक्त सत्र को करेंगे संबोधित

जेलेंस्की की इस यात्रा का क्या महत्व है इसका इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि वे बाइडेन से मुलाकात करेंगे, और व्हाइट हाउस के शीर्ष सुरक्षा सलाहकारों से मिलेंगे.  

इसके बाद वे अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करेंगे. फिर वे कैपिटल हिल में यूएस सीनेट और प्रतिनिधि सभा के संयुक्त सत्र को संबोधित करेंगे. 

बता दें कि इस जंग में अबतक हजारों सैनिक और नागरिक मारे गए हैं. लाखों लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा है. कई शहर मलबे में तब्दील हो गए हैं. 

10 महीने में पहली बार आमने-सामने बाइडेन-जेलेंस्की

ये जंग पुतिन के लिए तो नाक का सवाल बन ही गया है. अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन और उनकी विदेश नीति के लिए भी ये जंग टेस्टिंग प्वाइंट बन गया है. इस मुलाकात के दौरान बाइडेन पहली बार उस शख्स के आमने-सामने होंगे जिनसे वे अबतक फोन पर बात करते थे. एक अमेरिकी अधिकारी के अनुसार बाइडेन जेलेंस्की को पुतिन के साथ बातचीत की टेबल पर बैठने के लिए नहीं ही कहेंगे. 

शांति की कोई संभावना नहीं

इस बीच रूस भी मौजूदा हाल में शांति बहाली का कोई संकेत नहीं दे रहा है. क्रेमलिन ने बुधवार को कहा कि उसे कीव के साथ शांति वार्ता की कोई संभावना नजर नहीं आ रही है. संवाददाताओं से बातचीत में, प्रवक्ता दमित्री पेस्कोव ने कहा कि यूक्रेन को पश्चिमी देशों से हथियारों की सप्लाई जारी रहने से संघर्ष 'गहरा' होगा. 

बता दें कि बाइडेन प्रशासन ने यूक्रेन को लगभग 20 बिलियन डॉलर की सैन्य सहायता प्रदान की है, जिसमें तोपखाने, गोला-बारूद, NASAMS एयर डिफेंस सिस्टम के लिए युद्ध सामग्री और HIMARS के लिए रॉकेट सिस्टम शामिल हैं. 

बावजूद इसके जेलेंस्की ने बार-बार पश्चिमी देशों से अधिक हथियार आपूर्ति करने का आह्वान किया है.  इसी बीच रूस के राष्ट्रपति पुतिन बुधवार को सीनियर डिफेंस ऑफिसर्स के साथ मीटिंग कर रहे हैं ताकि अगले साल के लिए मिलिट्री टारगेट तय किया जा सके. इसके अलावा पुतिन अपने कमांडर्स के साथ यूक्रेन में चल रहे युद्ध का आकलन भी करेंगे.  

साफ है यूक्रेन चोट खाने के बावजूद झुकने को तैयार नहीं है, क्योंकि उसे अमेरिका और NATO का सैन्य और आर्थिक सपोर्ट मिल रहा है. तो इधर पुतिन किसी भी हालत में इस जंग से खाली हाथ लौटना नहीं चाहते हैं.