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तीन महीने-तीन लहरें... भरने लगे अस्पताल, कब्रिस्तान में जगह नहीं देखें चीन का हाल

कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच चीन देशा का बूरा हाल हो गया है. जानकारी के मुताबिक पिछले दिनों में 10 लाख से ज्यादा मौतें हो चुकी है. बताया जता रहा है कि तीसरी लहर का आगाज भी हो गया है. 

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Newz Funda, New Delhi चीन में कोरोना का संक्रमण बेकाबू होने लगा है. वायरस बहुत तेजी से फैल रहा है और अब इससे मौतें भी होने लगीं हैं. राजधानी बीजिंग में सोमवार को दो लोगों की मौत हो गई. जीरो-कोविड पॉलिसी हटाने के बाद ये पहली बार है जब सरकार ने कोरोना से मौतें होने की बात मानी है.

अनुमान लगाया जा रहा है कि राजधानी बीजिंग की 70 फीसदी आबादी इस वायरस की चपेट में आ चुकी है, जिस कारण लाखों लोग अपने घरों में कैद हैं. 

इस बीच एक्सपर्ट का कहना है कि तीन महीने में कोरोना की तीन लहर आ सकती हैं. अभी चीन पहली लहर का सामना कर रहा है. 

तीन लहरों का क्या है अंदेशा?

चीन के महामारी विशेषज्ञ वू जुन्यो ने तीन लहरें आने की आशंका जताई है. उन्होंने दावा किया कि चीन अभी पहली लहर का सामना कर रहा है और इसका पीक मिड-जनवरी में आ सकता है. 

उन्होंने कहा कि 21 जनवरी से चीन का लूनार न्यू ईयर भी शुरू हो रहा है और इस वजह से लोग ट्रैवल करेंगे, जिस कारण दूसरी लहर शुरू होगी. इस दौरान लाखों लोग ट्रैवलिंग करते हैं. इसलिए जनवरी के आखिर से दूसरी लहर शुरू हो सकती है जो मिड-फरवरी तक चलेगी.

जबकि, तीसरी लहर फरवरी के आखिर से शुरू होने का अंदेशा है. वू जुन्यो का कहना है कि हॉलीडे के बाद लोग फिर से ट्रैवल करेंगे और इस कारण तीसरी लहर शुरू हो सकती है. तीसरी लहर फरवरी के आखिर से मिड-मार्च तक चल सकती है.

हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि तीन लहरें तो आ सकती हैं, लेकिन इस दौरान संक्रमण के मामलों में कमी आने की संभावना कम है. उनका दावा है कि लहरों के बीच में भी संक्रमण बढ़ता रहेगा.

पर बढ़ क्यों रहा है संक्रमण?

स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि चीन के शहरों में कोरोना संक्रमण बढ़ने की वजह ओमिक्रॉन है. उनका कहना है कि ओमिक्रॉन के दो सब-वैरिएंट्स BA.5.2 और BF.7 तेजी से फैल रहे हैं.

राजधानी बीजिंग BF.7 की चपेट में है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने BF.7 को सबसे तेजी से फैलने वाला वायरस बताया है. इस वैरिएंट की वजह से बीजिंग में स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है, क्योंकि हजारों लोग फीवर क्लीनिक के बाहर खड़े हैं, जिन्हें तुरंत इलाज की जरूरत है.

स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि ओमिक्रॉन के दोनों सब-वैरिएंट्स तेजी से भले ही फैल रहे हैं, लेकिन ये डेल्टा वैरिएंट जितने खतरनाक नहीं हैं. 

नए सब-वैरिएंट्स से संक्रमित होने पर गले में गंभीर संक्रमण हो रहा है, शरीर में दर्द होता है, हल्का या बहुत तेज बुखार हो सकता है. हालांकि, ये जानलेवा नहीं है.

चीन में अभी लगभग दो हजार नए मामले सामने आ रहे हैं. हालांकि, माना जा रहा है कि ये संख्या इससे भी कहीं ज्यादा होगी. क्योंकि जीरो-कोविड पॉलिसी हटाने के बाद अब सरकार टेस्टिंग नहीं कर रही है और लोग खुद से ही एंटीजन टेस्ट कर रहे हैं.

चीन में कोविड से कैसे हैं हालात?

चीन में कोरोना की मौजूदा लहर से ठीक वैसे ही हालात बन गए हैं, जैसे भारत में दूसरी लहर के समय बने थे. बीजिंग के अस्पतालों में स्टाफ की कमी हो गई है और मरीज बढ़ते जा रहे हैं. 

एम्बुलेंस के लिए लगातार कॉल आ रहे हैं. लोगों को दवा मिल नहीं रही है और फीवर क्लीनिक के बाहर मरीजों की लंबी कतारें लगी हैं. 

अंतिम संस्कार के लिए भी लोगों को जगह नहीं मिल रही है. रिश्तेदारों को परिजनों के अंतिम संस्कार के लिए कई दिनों तक इंतजार करना पड़ रहा है. 

बीजिंग के फ्यूनरल होम के बाहर बैठी एक महिला ने बताया कि उसके ससुर को हार्ट की समस्या थी और वायरस की चपेट में आने के बाद उनकी हालत बदतर हो गई थी. सोमवार सुबह उनकी मौत हो गई. महिला ने बताया कि उनके अंतिम संस्कार के लिए अपॉइंटमेंट लेने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन पता नहीं उन्हें कब मिलेगा.

शंघाई में अधिकारियों ने ज्यादातर स्कूलों को ऑनलाइन क्लास करने के आदेश दिए हैं. वहीं, उससे सटे होंगझोउ में भी स्कूलों को विंटर सेमेस्टर जल्द से जल्द खत्म करने का आदेश दिया गया है. गुआंगझोऊ में पहले से ही ऑनलाइन क्लासेस चल रहीं हैं और उन्हें अभी ऑनलाइन क्लास चलाने का ही आदेश दिया गया है.

तो अगले साल 10 लाख लोग मारे जाएंगे?

चीन दावा करता है कि वैक्सीनेशन की वजह से गंभीर मामलों में कमी आई है, लेकिन अगले साल कोरोना बहुत बड़ी तबाही लेकर आ सकता है.

इसी हफ्ते अमेरिका के एक रिसर्च इंस्टीट्यू ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि 2023 में चीन में कोरोना विस्फोट हो सकता है और अगले साल 10 लाख से ज्यादा लोग की मौत हो सकती है.

कोरोना से सबसे ज्यादा खतरा बुजुर्गों को है और चीन के लिए भी यही चिंता बन सकता है, क्योंकि अब भी बहुत से बुजुर्गों का वैक्सीनेशन नहीं हुआ है. चीन की सरकारी न्यूज एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक, अब तक 60 साल से ऊपर की 87% आबादी पूरी तरह वैक्सीनेट हो चुकी है, लेकिन 80 साल से ज्यादा उम्र के सिर्फ 66.4% बुजुर्गों को ही वैक्सीन लगी है.

कई स्टडीज और रिसर्च में सामने आ चुका है कि ऐसे बुजुर्ग जो पहले से ही किसी बीमारी से जूझ रहे हैं या जिन्हें दिल से जुड़ी कोई बीमारी, डायबिटीज या दूसरी समस्या है, वो कोरोना संक्रमित होने पर गंभीर बीमार हो सकते हैं.