home page

चीन में लॉकडाउन हटने के बाद Corona से हाहाकार, चिंता जताते हुए अमेरिका ने कही ये बात

चीन में कोरोना एक बार फिर से बेकाबू है. हर दिन हजारों की संख्या में लोगों की मौत हो रही है, जानकारी  मिली है कि कोरोना के फैलने का कारण लॉकडाउन हटने से ही हुआ है. 

 | 
चीन मे हुआ कोरोना का फैलाव

Newz Funda, New Delhi चीन में कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए अमेरिका ने कहा है कि यह पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय है. अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि चीन ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए यह बेहतर होगा कि कोरोना के इस लहर पर चीन जल्द से जल्द काबू पा ले. 

जनता के भारी विरोध प्रर्दशन की वजह से चीन ने भले ही लॉकडाउन में ढील दी हो. लेकिन कोरोना से चीन में हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं. चीन में कोरोना के बढ़ते प्रकोप पर अमेरिका ने चिंता व्यक्त की है.

अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने सोमवार को चिंता जाहिर करते हुए कहा कि चीन में कोविड का प्रकोप जिस तरह से फैल रहा है, वह पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय है. 

नेड प्राइस ने कहा कि कोविड जीरो प्रोटोकॉल की वजह से चीन में कोरोना थमा हुआ था लेकिन प्रोटोकॉल हटने के बाद चीन में जो हालात हैं, उससे कोविड-19 नए वैरिएंट को जन्म दे सकता है. 

मीडिया ब्रीफिंग के दौरान नेड प्राइस ने कहा कि हम सभी जानते हैं कि चीन में फैल रहे वायरस में कभी भी म्यूटेशन होने और पूरे दुनिया के लोगों के लिए खतरा पैदा करने की क्षमता है.

चीन में बेतहाशा बढ़े कोरोना केस, भारत पर होगा असर? जान‍िए 

कोरोना पर कंट्रोल के लिए भारत ने कसी कमर, स्वास्थ्य मंत्री ने बुलाई बड़ी बैठक 
चीन के शहरों में कोरोना बेकाबू हैं और ऐसा अंदेशा जताया जा रहा है कि सरकार सच्चाई को छुपा रही है. 

चीन की सरकार शुरू से ही दावा करती आ रही है कि उसने पश्चिमी देशों की तुलना में कोरोना महामारी को बेहतर ढंग से संभाला है. सोमवार को भी बीजिंग के श्मशान में पुलिस और सुरक्षा गार्डों ने पत्रकारों को प्रवेश करने से रोक दिया.

प्रोटोकॉल में छूट के बाद हाहाकार

चीन में नागरिकों की ओर से कोरोना प्रोटोकॉल को लेकर भारी विरोध के बाद सरकार ने क्वारंटाइन और आइसोलेशन प्रोटोकॉल सहित सख्त प्रतिबंधों को हटा दिया था. प्रतिबंधों के हटाने के बाद से ही चीन में कोरोना बेकाबू है. 

दरअसल, चीन के पश्चिमी क्षेत्र झिंजियांग में आग लगने से एक शख्स की मौत हो गई थी. वहां के लोगों ने इसके लिए कोविड प्रोटोकॉल को दोषी ठहराया था. जिसके कारण नवंबर के अंत में चीन के कई शहरों में कोविड-19 प्रोटोकॉल को लेकर विरोध शुरू हो गया था.

अमेरिका की तरफ से रिसर्च जारी

दुनिया भर के देशों में कोविड-19 लहरों को देखते हुए अमेरिका की सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) सहित कई स्वास्थ्य एजेंसियां डेल्टा या ओमिक्रॉन जैसे नए वेरिएंट की खोज कर रही हैं. सीडीसी के मुताबिक, कोविड का नया वैरिएंट कोरोना वायरस को अधिक आसानी से और वैक्सीनेट होने के बावजूद फैलाने में सक्षम है.

अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि अमेरिका साल की शुरुआत में विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल चीन भेज रहा है. उन्होंने कहा कि अमेरिका आशा करता है कि चीन अपने वर्तमान कोविड-19 प्रकोप को जल्द ही नियंत्रित कर लेगा क्योंकि कोरोना से चीन को होने वाला नुकसान वैश्विक रूप से अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा सकता है.

नेड प्राइस ने कहा कि चीन की जीडीपी बहुत ज्यादा है. इसलिए ये सिर्फ चीन ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए यह बेहतर होगा कि कोरोना की इस लहर पर चीन जल्द से जल्द काबू पा ले.

विशेषज्ञों ने दी चेतावनी

महामारी विशेषज्ञ एरिक फिगल डिंग ने एक के बाद एक ट्वीट में चेतावनी देते हुए कहा है कि महामारी विशेषज्ञों का अनुमान है कि कोरोना अगले तीन महीने मे पूरी दुनिया की दस प्रतिशत आबादी और चीन के 90 फीसदी आबादी को अपने गिरफ्त में ले लेगा. 

डिंग ने आशंका जताई है कि इस लहर में दस लाख से भी ज्यादा लोग काल के गाल में समा सकते हैं. विशेषज्ञ के अनुसार, चीन में कोविड प्रतिबंध में ढिलाई के बाद चीन में हालात बेकाबू हैं और चीन के सभी अस्पताल कोविड मरीजों से पट चुके हैं.