ऐसी 5 सरकारी योजनाएं जिससे हो रहे भारत की बेटियों के सपने साकार
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Newz Funda, New Delhi अगर देश का विकास करना है तो इसमे देश की महिलाओं की भागीदारी बहुत जरुरी है, सरकार यह बात अच्छे से जानती है. सरकार इसके लिए कई प्रकार की योजनाएं चला रही है. इन योजनाओं से महिलाएं और हर बेटी अपना सपना साकार कर सकती है. अब पिता को बेटी के विवाह की चिंता करने की भी आवश्कता नही है. बेटियों के लिए 5 योजनाएं लागु की गई हैं.
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ
साल 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से हरियाणा के पानीपत जिले से इस योजना का आंरभ किया गया था. इसका उद्देश्य लिंग अनुपात को खत्म करना और सामाजिक कुरितियों से बेटियों को बचाना था. बेटी को पढ़ाने के लिए लोगों को जागृित करना था.
सुकन्या समृद्धी योजना
इस योजना के तहत 10 साल से कम उम्र की लड़की का खाता खोलकर इसमें 1000 रु की धनराशि 15 वर्ष तक जमा की जाती है. इस रकम को बिना टैक्स काटे 7.6 प्रतिशत ब्याज के दर पर बेटी की शादी के समय दिया जाता है.
बालिका समृद्धी योजना
यह योजना समाजिक स्तर पर बेटियों की स्थिति को सुधारने के लिए चलाया गया था. इसमे उन लड़कियों को छात्रवृति दी जाती है जो गरीबी रेखा से नीचे होंं और उन्हे पढ़ाई के लिए सहायता भी दी जाती है.
धनलक्ष्मी योजना
इस योजना को 2008 में भारत सरकार ने बेटियों की पढ़ाई के लिए शुरु किया था. इस योजना के तहत बेटियों को 8 तक की पढ़ाई मुफ्त करवाई जाती है. इसके साथ-साथ बच्ची के जन्म पर भी कुछ राशि दान की जाती है.
मध्य प्रदेश लाडली योजना
इस योजना को भारत सरकार की तरफ से साल 2006 में शुरु किया गया था. इसे लागु करने का मुख्य उद्देशय बेटियों की स्थिति में सुधार करना था. इस योजना के तहत सरकार महिलाओं को 6 हजार सलाना देती है. लड़कियों को कक्षा 6 से 2 हजार और उसके बाद क्लास 9 के बाद 4 हजार की धनराशि लड़कियों को मुहैया कराई जाती है.