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राम मंदिर में दर्शन करने का सपना देखने वालों का इंतज़ार खत्म, जनवरी में हो जाएगा बनकर तैयार

अयोध्या स्थित राम मंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के बाद मंदिर अगले साल 24 जनवरी को भक्तों के लिए खुलने की संभावना है. मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान 14 जनवरी से शुरू होकर 10 दिनों तक चलेगा.

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राम मंदिर में दर्शन करने का सपना देखने वालों का इंतज़ार खत्म

Newz Funda, UP: अयोध्या में तैयार हो रहे भव्य रामलला मंदिर के तैयार होने का सभी को इंतजार है. यहां रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के बाद मंदिर अगले साल 24 जनवरी को भक्तों के लिए खुलने की संभावना है. मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान 14 जनवरी से शुरू होकर 10 दिवसीय होगा. परियोजना का पहला चरण जिसमें भूतल, फर्श और परिष्करण के साथ गर्भ गृह शामिल है, इस साल दिसंबर तक पूरा होने का अनुमान है.

मंदिर ट्रस्ट के अनुसार, राम लला की प्राण प्रतिष्ठा की प्रक्रिया मकर संक्रांति (14 जनवरी) के बाद शुरू होगी. मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने संवाददाताओं से कहा था, ’14 जनवरी से 24 जनवरी के बीच राम लला की प्राण प्रतिष्ठा का 10 दिवसीय अनुष्ठान किया जाएगा. मंदिर ट्रस्ट को कथित तौर पर अभिषेक प्रक्रिया के लिए ज्योतिषियों से कुछ शुभ दिन मिले हैं.

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अधिकारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अभिषेक समारोह के लिए आमंत्रित करेंगे, जिसके दौरान राम लला की मूर्ति को मंदिर के गर्भगृह में स्थापित किया जाएगा.

मंदिर निर्माण में लगे लोगों द्वारा यह बताया गया है कि मंदिर की नींव 1,000 वर्षों तक चलने वाली है. नींव के लिए उपयोग की जाने वाली सामग्री कथित तौर पर भूकंप, चक्रवात और बाढ़ से बच सकती है. परियोजना प्रबंधक जगदीश अफले ने कहा, “मैं गारंटी देता हूं कि यह मंदिर 1,000 वर्षों तक चलने वाला है.

गर्भगृह की डिजाइन हिंदू मान्यता के मुताबिक
20 फीट में फैले गर्भ गृह का डिजाइन हिंदुओं की मान्यताओं से प्रेरित है, जिसमें गर्भनाल को दर्शाने वाला एक तांबे का पाइप है जो मूर्ति को मंदिर की कूर्माशीला (नींव) से जोड़ देगा. अगस्त 2020 में जब प्रधानमंत्री मोदी ने मंदिर की आधारशिला रखी थी, तब नौ शिलाएं स्थापित की गई थीं.
सबसे महत्वपूर्ण शिला कूर्माशीला है जो 1989 के राम जन्मभूमि आंदोलन के दौरान राम भक्तों द्वारा चुनी गई ईंटों से बनी है. यह कुर्माशिला विचार अमृत मंथन की कहानी से प्रेरित है. यह सोने, चांदी और मोतियों से सजाया जाएगा. प्रसाद कूर्मशीला तक पहुंचेगा, जहां, मान्यता के अनुसार, पुराने मंदिर का असली गर्भ गृह मौजूद था. तांबे का पाइप फर्श से 35 फीट ऊपर और 60 फीट गहरा है.

दिसंबर तक बनकर तैयार हो जाएगा राम मंदिर गर्भ गृह, जनवरी से दर्शन, देखें तस्वीरेंसबसे महत्वपूर्ण शिला कूर्माशीला है जो 1989 के राम जन्मभूमि आंदोलन के दौरान राम भक्तों द्वारा चुनी गई ईंटों से बनी है.
गर्भ गृह में राम लला की मूर्ति होगी और पहली मंजिल पर पूरा राम दरबार होगा. इसके बाद शिखर आता है जो अगली दिवाली तक पूरा हो जाएगा. दिव्यांगों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए मंदिर में प्रवेश की सुविधा दी गई है. भगवान गणेश और भगवान हनुमान की मूर्तियां भक्तों का स्वागत करेंगी और पांच मंडप पार करने के बाद, भक्त राम लला के दर्शन के लिए गर्भ गृह पहुंचेंगे.

मंदिर में 160 स्तंभ हैं, जो सभी गुलाबी बलुआ पत्थर से बने हैं, लेकिन गर्भ गृह का इंटीरियर सफेद मकराना संगमरमर का उपयोग करके किया गया है, जिस पर विशेष नक्काशी की गई है. यहां एक कलात्मक काम के लिए 10-15 दिनों की आवश्यकता होती है. कारीगरों ने बताया कि हम 160 स्तंभों पर काम कर रहे हैं, जिनमें उपासनी, नृत्यांगन, भगवान हनुमान, वानर सेना और भगवान शिव का चित्रण होगा.