home page

चंद्रशेखर पर हुई फायरिंग के बाद उनका बड़ा बयान आया सामने, बोले- मैं अभी मरने वाला नहीं हूं

भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर के हमलावरों की गिरफ्तारी के बाद रविवार को DIG अजय कुमार साहनी ने घटना का खुलासा किया। आरोपियों ने पुलिस पूछताछ में बताया कि वह चंद्रशेखर की बयानबाजी से नाराज थे।
 | 
चंद्रशेखर पर हुई फायरिंग के बाद उनका बड़ा बयान आया सामने, बोले- मैं अभी मरने वाला नहीं हूं

Newz Funda, New Delhi: भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर के हमलावरों की गिरफ्तारी के बाद रविवार को DIG अजय कुमार साहनी ने घटना का खुलासा किया। आरोपियों ने पुलिस पूछताछ में बताया कि वह चंद्रशेखर की बयानबाजी से नाराज थे। उन्होंने 28 जून को अचानक हमले का प्लान बनाया। उसी दिन रेकी की और कार्यक्रम से निकलते ही चंद्रशेखर पर फायरिंग कर दी।

उन्होंने कहा, आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए 5 टीमों का गठन किया गया था। सभी आरोपियों को शनिवार को अंबाला के ढाबे से गिरफ्तार किया गया।

पकड़े गए आरोपियों में लविश, विकास और प्रशांत देवबंद के गांव रणखंडी के रहने वाले हैं। जबकि चौथा आरोपी विकास हरियाणा के करनाल का रहने वाला है।


पुलिस ने एक ढाबे से चारों को पकड़ा
डीआईजी अजय कुमार साहनी ने बताया, 28 जून को चंद्रशेखर और उनके साथी मनीष पर कुछ अज्ञात लोगों ने फायरिंग की। जिसमें चंद्रशेखर घायल हो गए। घटना सामने आने के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर कार्रवाई के लिए 5 टीमों का गठन किया। टीम ने दिल्ली, एनसीआर, उत्तराखंड, मेरठ, मुजफ्फरनगर और हरियाणा छापेमारी की। कई संदिग्धों को हिरासत में लिया गया।

इस बीच, पुलिस को सूचना मिली कि ये लोग अंबाला में सरेंडर करने वाले हैं। इस पर तत्काल एक टीम का गठन कर उसे अंबाला के लिए रवाना किया गया। शनिवार सुबह शहजादपुर क्षेत्र में अग्रवाल ढाबा के पास से पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार किया। इन्हें सहारनपुर लाया गया।
 

खाना खाते समय बनाया हमले का प्लान
यहां पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने बताया, हम लोग 28 जून की सुबह करनाल से मेरठ लौट रहे थे। रास्ते में रोहाना कला टोल के पास खाना खाने के लिए एक ढाबे पर रुके।

उस समय यहां पर काफी भीड़ थी। लोगों से पूछा तो पता चला कि चंद्रशेखर अपने समर्थकों के साथ देवबंद किसी कार्यक्रम में जा रहे हैं। दरअसल, पिछले कुछ महीनों से चंद्रशेखर ने दिल्ली और आस-पास के क्षेत्रों में उल्टे सीधे बयान दिए थे। जिससे हम काफी नाराज थे।

इसके बाद हमनें वहीं तय कर लिया कि आज चंद्रशेखर की हत्या कर देंगे। खाना खाकर हम भी देवबंद पहुंच गए। इसके बाद उनके कार्यक्रम की रेकी की। उस समय हमारे पास दो तमंचे थे। गाड़ी करनाल के रहने वाले विकास की थी और वही गाड़ी चला रहा था।

उसके बगल में लविश बैठा था। लविश के पीछे वाली सीट पर विकास उर्फ विक्की और उसके बगल में प्रशांत बैठा था। CCTV के इस विजुअल में लाल घेरे में दिख रही कार में हमलावर आए थे। यही कार अंबाला से हमलावरों को दी गई थी।
 

स्पीड़ ब्रेकर पर की फायरिंग
हम गाड़ी में बैठकर चंद्रशेखर के निकलने का इंतजार कर रहे थे। वह जैसे ही गाड़ी में बैठकर निकला हम भी उसकी गाड़ी का पीछा करने लगे। कुछ दूर जाकर स्पीड़ ब्रेकर पर गाड़ी धीरे हुई। हमारी गाड़ी ने उसकी गाड़ी को ओवरटेक किया और उस पर हमने तीन राउंड फायरिंग की।

दो राउंड पीछे बैठे हुए विक्की और एक राउंड प्रशांत ने गोली चलाई। ऐसा करते ही हम वहां से भाग निकले। कुछ दूर जाते ही गाड़ी में तेल खत्म होने के कारण हमने वह गाड़ी मिरगपुर में छोड़ दी और हम यहां से दूर जाकर जंगलों में छुप गए। जंगल में छुपते-छुपते हम किसी तरह दो दिन में अंबाला पहुंचे।

चंद्रशेखर बोले- मैं अभी मरने वाला नहीं हूं
सहारनपुर में गुरुवार को भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर ने बड़ा बयान दिया। जिला अस्पताल से डिस्चार्ज होने से पहले चंद्रशेखर ने यूपी सरकार और पुलिस पर कई सवाल खड़े किए हैं। चंद्रशेखर ने कहा, शायद सीएम इंतजार कर रहे थे कि मैं मरूं तो श्रद्धांजलि दें, लेकिन मैं अभी मरने वाला नहीं हूं। मेरे ऊपर मेरे समाज की जिम्मेदारी है।''

उन्होंने कहा, ''मैंने कई बार गृहमंत्री, सीएम, डीजीपी और पुलिस को लेटर लिखकर कहा कि मेरे साथ इस तरह की घटना हो सकती है। लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। हमले में सफेदपोश और खाकी कॉलर के लोग शामिल थे। जांच होने पर दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।''

हत्या के बाद सरेंडर का मन बना रखा था
भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद ने कहा, 'आरोपी सुबह 10 बजे से घात लगाए बैठे थे। वह आसपास घूमते रहे। बदमाशों ने गोली चलाई। पहली गोली मेरे सिर के पास से होकर निकली। दूसरी गोली मुझे लगी। तीसरी गोली शीशे पर लगी। जिसका कांच मेरे साथी को लगा। उनको लगा मैं मर गया।

चौथी गोली गाड़ी रोककर नंबर प्लेट पर मारी। मुझे ऐसा लगता है कि उन्होंने मेरी हत्या करने के बाद सरेंडर करने का मन बना रखा था। उन्होंने हवाई फायर भी की। अचानक से ये सब हो गया, जिसे मैं समझ नहीं पाया।

'द ग्रेट चमार' का बोर्ड लगाकर पॉलिटिक्स में आए चंद्रशेखर

सहारनपुर का एक छोटा गांव है धडकौली। यहां दाखिल होते ही नीले रंग का एक बोर्ड नजर आता है। जिस पर लिखा है 'द ग्रेट चमार'। इस बोर्ड को लगाने वाले युवा का नाम है चंद्रशेखर। इनकी पहचान दलित नेता की है। विधानसभा चुनाव 2022 में चंद्रशेखर ने सीएम योगी के खिलाफ गोरखपुर से चुनाव लड़ा था।

फरवरी 2021 में, टाइम पत्रिका ने चंद्रशेखर को 100 उभरते नेताओं की अपनी वार्षिक सूची में शामिल किया था। कृषि कानून हो या महिला पहलवान का धरना-प्रदर्शन। चंद्रशेखर BJP सरकार के खिलाफ मुखर रहे। 28 जून 2023 को चंद्रशेखर पर देवबंद में हमला हुआ, जिसके बाद से वह एक बार फिर सुर्खियों में हैं।