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ये है India का सबसे last village, जहां महिलाएं कर सकती हैं 4 Marriage; कमरे में पति के साथ होने पर ऐसे होती है पहचान

हिमाचल प्रदेश में चुनाव के लिए वोटिंग शुरू हो चुकी है। जिसको लेकर आपको खास बात बता रहे हैं।

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Newz Funda, Shimla हिमाचल प्रदेश में वोटिंग को लेकर लोग बूथों पर पहुंच रहे हैं। यहां विधानसभा चुनाव के लिए 2 माह से काफी गहमागहमी चल रही थी।

जिसके परिणाम 8 नवंबर को सामने आएंगे। लेकिन एक ऐसे गांव के बारे में बता रहे हैं, जो इस शोर-शराबे से निहायत ही दूर था, बल्कि यहां पर रिवाज और कानून भी देश से कुछ अलग ही चलते हैं।  

इस गांव का नाम है छितकुल, जो देश का आखिरी गांव कहलाता है। यहां पर बस स्टैंड, स्कूल, पोस्ट ऑफिस और ढाबा भी है, जिसको आखिरी ही कहा जाता है।

चीन और तिब्बत बॉर्डर पर मौजूद इस गांव में 471 लोगों के वोट हैं। खास बात बता दें कि यहां पर महिलाओं को 4 शादियां तक करने की आजादी दी गई है।

इस गांव में देवी मां की पूजा होती है। यहां बेटियों को कभी भी संपत्ति का हिस्सा नहीं माना जाता। अगर कोई आदमी खाना खा रहा है और बाहरी आदमी की परछाई भी उस पर पड़ जाए तो इसे बेकार समझकर फेंक दिया जाता है।

यह गांव भारत-तिब्बत ओल्ड रोड पर पड़ता है। जो सांगला से 28 किलोमीटर की दूरी पर है। इसकी खूबसूरती भी देखने लायक है।

वहीं, यहां से तिब्बत-चीन बॉर्डर की दूरी 60 किलोमीटर है। यहां के लोग 1962 के भारत-चीन युद्ध से पहले बॉर्डर के उस पार आते-जाते रहते थे। लेकिन लड़ाई के बाद ये सब बंद हो गया। 

यहां की सड़कें जोखिम भरी हैं। जो दिल्ली से 602 किलोमीटर की दूरी पर खत्म होती है।

जाने के लिए शिमला से नारकंडा, रामपुर, सराहन, वांगटू, करच्छम, सांगला से एंट्री होती है। सर्दियां शुरू होते ही यहां बर्फ ही बर्फ हो जाती है। पहाड़ सफेद नजर आते हैं।  

थोड़ी सी चूक होने पर आप सड़क से जाकर कितने फीट गिरेंगे, शायद ही अंदाजा हो। सड़कों पर बर्फ के कारण कई बार हादसे हो चुके हैं। 

छितकुल की संस्कृति देश से अलग है। यहां का रहन-सहन, खान-पान और कई कानून भी मेल नहीं खाते हैं।

यहां पर कोई हिंदू मैरिज एक्ट और सक्सेशन एक्ट (उत्तराधिकार कानून) नहीं दिखता। महिलाओं की शादी भी एक ही परिवार के 2 या 4 भाइयों से हो जाती है। 

बताया जाता है कि ये परंपरा तभी से है, जब यहां की एक गुफा में द्रौपदी और कुंती संग पांडव रहे थे। जिसके बाद से ही घोटुल प्रथा नामक यह परंपरा शुरू हो गई।

पुलिस सिर्फ पेट्रोलिंग के लिए आती है

शादी होने के बाद अगर कोई भाई अपनी पत्नी के साथ कमरे में होगा तो वह दरवाजे पर अपनी टोपी पहचान के लिए रख देता है। इसके बाद कोई अंदर नहीं जाता है।  

शादी में यहां सात फेरे नहीं लेने और बलि की परंपरा है। मंदिर में बलि देकर कहा जाता है कि इससे शादी सही चलेगी और घर में देवता आएगा। दहेज को लेकर भी पाबंदी है।

यहां पुलिस भी सिर्फ पेट्रोलिंग के लिए आती है। खाना सबसे पहले देवी को चढ़ाते हैं, फिर लोग खुद खाते हैं।

छितकुल में भेड़-बकरी पालन और खेतीबाड़ी लोगों का मुख्य धंधा है। ज्यादा टूरिस्ट अप्रैल से सितंबर में आते हैं। बर्फबारी के बाद यह हिस्सा देश से कट जाता है। यहां के स्कूल में 10वीं तक की पढ़ाई होती है।