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Crime: छावला सामूहिक दुष्कर्म-मर्डर केस में दोषियों के छूटने पर पीड़ित परिवार ने बयां किया दर्द, फैसले से हम टूट गए

सुप्रीम कोर्ट की ओर से छावला सामूहिक दुष्कर्म और मर्डर मामले में आरोपियों के छूट जाने के बाद पीड़ितों की प्रतिक्रिया आई है।  

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Newz Funda, New Delhi 2012 में हुए छावला सामूहिक दुष्कर्म-मर्डर केस में फैसला आ गया है। आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने तीनों दोषियों को रिहा करने का आदेश दिया है।

इससे पहले तीनों को मौत की सजा सुनाई गई थी। जिसके बाद अब फैसले को बदलकर रिहाई के आदेश न्यायालय की ओर से दिए गए हैं।

इस फैसले को लेकर जस्टिस उदय उमेश ललित, जस्टिस एस रवींद्र भट और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की बेंच ने सुनवाई की थी।

जिसने हाईकोर्ट के फैसले को गलत कहा। वहीं, बात करें तो पीड़िता के परिवार की ओर से फैसले को लेकर नाराजगी जताई गई है। कहा गया है कि वे अपनी लड़ाई लड़ते रहेंगे।

मृतका के मां-बाप ने कहा कि 12 साल बहुत परेशानियां झेलीं हैं, अब जाकर फैसला आया है। हम इस फैसले से टूट गए हैं।

आरोपी हमें कोर्ट में ही काटने की धमकियां देते थे, अंधा कानून है, हमारी लड़ाई जारी रहेगी।

बता दें कि पुलिस ने आरोपी रवि कुमार, राहुल और विनोद को काबू किया था। जिन्हें निचली अदालत, हाईकोर्ट की ओर से दोषी करार दिया गया था।

इसके बाद ही सुप्रीम कोर्ट में न्याय की गुहार लगाई गई थी। जिसके बाद 7 अप्रैल 2022 को फैसला सुरक्षित रख लिया गया था।

रेवाड़ी के खेत से मिला था पीड़िता का शव

जिसके बाद आरोपी पक्ष की ओर से कम से कम सजा की मांग की गई थी। वहीं, दिल्ली पुलिस की मांग थी कि ज्यादा से ज्यादा सजा दी जाए। ताकि समाज को सख्त से सख्त मैसेज जाए।

फरवरी 2014 में मामले में तीनों को निचली कोर्ट की ओर से सजा सुनाई गई थी। इससे पहले पीड़िता की गली-सड़ी लाश हरियाणा के रेवाड़ी में एक खेत से बरामद हुई थी।

जिसको काफी यातनाएं दी गई थी। मुंह को तेजाब से जलाया गया था। इसके बाद ही पुलिस की ओर से आरोपियों को काबू किया गया था। मामले ने भी काफी तूल पकड़ लिया था।