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Vande Bharat Train के यात्रियों को जल्द मिलेगी ये बड़ी सुविधा, सफर होगा और सुहाना

Vande Bharat train से यात्रा करने वाले लोगों के लिए बड़ी खबर से आपको रूबरू करवा रहे हैं।

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Newz Funda, New Delhi Vande Bharat Express train को हाल ही में चलाया गया था। जिसके बाद इसमें कई सुविधाएं दी गई हैं।

आपको बता दें कि भारतीय हाई-स्पीड ट्रेन ईकोसिस्टम में वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन शीर्ष स्थान पर काबिज है। परिचालन की बात की जाए तो फिलहाल यह 4 रूटों पर हो रहा है।

आने वाले समय में इस पर भी काम किया जा रहा है कि इसका दायरा और बढ़ाया जाए। इसकी पुष्टि केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव भी कर चुके हैं।

जिन्होंने एलान किया था कि सरकार 2025 तक देश में 475 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें शुरू करने की सोच रही है।

रेल मंत्रालय की ओर से भी नई पीढ़ी की वंदे भारत ट्रेनों के लिए 200 नए रैक बनाने की बात कही गई थी। जिसके लिए निविदा तक जारी की जा चुकी है।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार कुल निविदा लागत लगभग 26,000 करोड़ रुपये है। इतना ही नहीं कहा यह भी जा रहा है कि इस परियोजना को महज 30 महीनों में पूरा करना होगा।

जल्द मिलेगी यह सौगात
बीएचईएल, बीएमएल, मेधा, आरवीएनएल और एल्सटॉम इंडिया जैसी पांच प्रमुख कंपनियों ने इस परियोजना में अपनी रुचि दिखाई है।

गौरतलब है कि वंदे भारत के ये 200 रेक केवल स्लीपर क्लास के लिए डिजाइन किए जाएंगे। साथ ही, ट्रेन को एल्यूमीनियम बॉडी के साथ बनाया जा सकता है और ट्रेनों के पिछले संस्करण की तुलना में यह 2-3 टन हल्का हो सकता है।

इन सुविधाओं में भी किया जाएगा इजाफा
इन ट्रेनों में वाई-फाई सुविधा के साथ केवल स्लीपर क्लास कोच होंगे। हर कोच में यात्री सूचना और इंफोटेनमेंट प्रदान करने वाली एलईडी स्क्रीन होगी।

नई डिजाइन की गई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों में एक फोटो-कैटेलिटिक अल्ट्रावॉयलेट एयर प्यूरिफिकेशन सिस्टम होगा, जिसे एयर प्यूरिफिकेशन के लिए भी लगाया जाएगा।

ये है उद्देश्य
यात्रा को सुरक्षित और अधिक आरामदायक बनाने के लिए इन ट्रेनों में स्वचालित फायर सेंसर, सीसीटीवी कैमरे और जीपीएस सिस्टम भी होंगे।

गौरतलब है कि वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें विमान जैसे यात्रा का अनुभव देती हैं। सभी ट्रेनें उन्नत अत्याधुनिक सुरक्षा सुविधाओं से लैस हैं।

जिसमें स्वदेशी रूप से विकसित ट्रेन टक्कर बचाव प्रणाली-कवच भी शामिल है। रेलवे अधिकारी कह रहे हैं कि ये ट्रेनें देश में रेल विकास परियोजनाओं के लिए गेम चेंजर हैं।