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अब किसी भी हाईवे पर नजर नहीं आएगा Toll plaza, बेरोकटोक गुजार सकेंगे वाहन; सरकार लाएगी ये Plan

वाहन चालकों के लिए एक शानदार खबर से रूबरू करवा रहे हैं। जिसे जानने के बाद चेहरे खिल जाएंगे।

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Newz Funda, New Delhi टोल टैक्स को लेकर जल्द ही नियमों में बदलाव होने वाला है। जो नए नियम सरकार की ओर से प्लान किया जा रहा है। उसे जानने के बाद आपके चेहरे पर रौनक आ जाएगी।

आपको बता दें कि जल्द ही एक खास योजना को अमलीजामा पहनाया जा सकता है। जिसको लेकर तैयारियां भी अंतिम दौर में चल रही है। गौरतलब है कि भारत में सड़क पर लगने वाले टैक्स को वसूलने का तरीका काफी बदल चुका है।

पहले टोल से टैक्स के पैसे लिए जाते थे, लेकिन अब यह बैंक खाते से ऑटोमैटिक कटने शुरू हो गए हैं।

दरअसल, अब हाईवे पर टोल की व्यवस्था फास्टैग के जरिए कर दी गई है, जो गाड़ी के आगे लगा होता है और उससे स्कैन होने के टोल गेट पर टैक्स जमा हो जाता है।

लेकिन अब बात हो रही है कि जल्द ही हाईवे से टोल को भी हटा दिया जाएगा और टैक्स वसूलने की नई व्यवस्था लाई जाएगी।

ऐसे में अब सवाल उठ रहा है कि अगर हाईवे से टोल गेट हट जाएंगे तो क्या होगा और किस तरह से किसी रूट पर टैक्स की वसूली की जाएगी।

तो आज हम आपको बताते हैं कि टैक्स वसूलने की क्या प्रोसेस होगी और सरकार गाड़ियों से टैक्स कैसे लेगी।

जान लीजिए सरकार की योजना

दरअसल, अब सरकार नेशनल हाईवे से टोल हटाने पर विचार कर रही है, जिसके स्थान पर सिर्फ कैमरे ही लगेंगे। इन कैमरों के जरिए टोल टैक्स लेने की व्यवस्था की जाती है।

इसके लिए खास तरह के कैमरे लगाए जाएंगे, जिन्हें ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रीडर (ANPR) कैमरे कहे जाते हैं। इनके जरिए टैक्स वसूलने का काम किया जाएगा।

आखिर क्या है नया मॉडल

एक अंग्रेजी अखबार की एक रिपोर्ट के अनुसार, यह मॉडल कैमरों के जरिए काम करेगा। इसके लिए सड़क पर खास तरह के कैमरे लगाए जाएंगे, जो नंबर प्लेट को भी स्कैन कर सकेंगे।

ये कैमरे नंबर प्लेट स्कैन कर टैक्स वसूली का काम करेंगे और व्यक्ति के अकाउंट से पैसे कट जाएंगे। ये कैमरे टोल रोड के एंट्री और एग्जिट पॉइंट पर लगाए जाएंगे और कैमरे के स्कैन के आधार पर टैक्स की गणना होगी और टैक्स लिया जाएगा।

लेकिन, ऐसा नहीं है कि इन कैमरों के जरिए सभी नंबर प्लेट पढ़ी जाएगी, बल्कि इसके लिए नंबर प्लेट को कैमरे के सिस्टम से अपडेट करना होगा।

ये वो ही नंबर प्लेट होगी, जिन्हें 2019 के बाद से गाड़ियों के लिए अनिवार्य कर दिया गया है और यह कंपनी से मिलने वाली नंबर प्लेट ही है।

जानिए कब तक आएगी यह योजना

अगर इस स्कीन की बात करें तो अभी यह पायलट प्रोजेक्ट पर है। इस पर अभी और भी काम किया जाना बाकी है। हालांकि, सरकार इसे जल्द ही लागू करने के विचार में है।

इस मॉडल के आने के बाद उन लोगों के लिए दिक्कत हो जाएगी, जो अभी जुगाड़ से टैक्स नहीं दे रहे थे और अलग अलग तरीकों से टैक्स से बच रहे थे।

इन हाईटेक कैमरों से आसानी से नंबर प्लेट को स्कैन किया जा सकता है। लेकिन, ट्रायल में पता चला है नंबर प्लेट पर कुछ ना कुछ लिखे होने की वजह से कैमरे को नंबर प्लेट रीड करने में दिक्कत हो रही है।

जैसे नंबर प्लेट पर भगवान के नाम, Govt of India, किसी जाति का नाम आदि लिखे होने से यह आसानी से नंबर प्लेट रीड नहीं कर पा रहे हैं। इसके लिए भी सरकार को अहम कदम उठाना होगा।

फिलहाल ऐसे हो रही है वसूली

बता दें कि अभी कुल टैक्स का 97 फीसदी हिस्सा फास्टैग के जरिए वसूला जा रहा है, जो अमाउंट करीब 40 हजार करोड़ रुपये है।

इसके अलावा 3 फीसदी टैक्स टोल पर बिना फास्टैग के वसूला जा रहा है।

इससे भी लोगों का काफी टाइम बच रहा है और फास्टैग से एक कार को एक टोल पर सिर्फ 47 सेकेंड का ही टाइम लग रहा है और हर एक घंटे में यहां से गाड़ियां जा रही हैं।