A good parent is the one who tries to take any decision in the interest of the child. A good parent does not need to be perfect. No one is perfect. No child is perfect. It is extremely important to keep this in mind when we set our expectations.
बच्चों के लिए खुद ही एक अच्छा रोल मॉडल सेट करें. उन्हें केवल ये ना बताएं कि आप उनसे क्या कराना चाहते हैं बल्कि उन्हें खुद करके दिखाएं.
बच्चों के प्रति अपना प्यार जताइए. आपके बच्चे से बहुत प्यार करने जैसी कोई बात नहीं है. बच्चों से प्यार करना उन्हें बिगाड़ना नहीं है. कई पेरेंट्स प्यार के नाम पर बच्चों को- भौतिक चीजें, उदारता, कम उम्मीदें और बहुत अधिक सुरक्षात्मकता देते हैं.
शिशुओं का जन्म लगभग 100 अरब मस्तिष्क कोशिकाओं (न्यूरॉन्स) के साथ अपेक्षाकृत कम कनेक्शन के साथ होता है. ये कनेक्शन हमारे विचारों को बनाते हैं, हमारे कार्यों को चलाते हैं, हमारे व्यक्तित्व को आकार देते हैं और मूल रूप से निर्धारित करते हैं कि हम वास्तविकता में कौन हैं.
अपने बच्चे को बताएं कि आप उनके लिए हमेशा हैं और उनके संकेतों एवं आवश्यकताओं के प्रति संवेदनशील हैं. अपने बच्चे को एक व्यक्ति के रूप में समर्थन और स्वीकृति दें. अपने बच्चे के लिए एक गर्मजोशी से भरा और सुरक्षित इंसान बनें ताकि वो आपसे अपना मन साझा कर सके.
हम में से अधिकांश पहले से ही बातचीत के महत्व को जानते हैं. अपने बच्चे से बात करें और उन्हें भी ध्यान से सुनें. बच्चों के साथ खुली बातचीत करने से, आपके बच्चे के साथ बेहतर संबंध होंगे और समस्या होने पर आपका बच्चा समाधान के लिए आपके पास आएगा.
हम में से कई लोग बच्चों के लिए अपने माता-पिता से अलग पैरेंट बनना चाहते हैं. यहां तक कि जिन लोगों की अच्छी परवरिश और एक खुशहाल बचपन था, वे भी बच्चे की परवरिश करते वक्त कुछ पहलुओं को बदलना चाहते हैं.
पेरेंट्स को भी राहत की जरूरत होती है. ऐसे में खुद की सेहत का भी ख्याल रखें. अक्सर कई बार शिशु के पैदा होने पर आपकी खुद की सेहत या आपकी शादी जैसे सेकंड प्रायोरिटी बन जाते हैं और उनपर ध्यान ही नहीं जाता.
कोई संदेह नहीं, कुछ माता-पिता कभी-कभी बच्चे से बात मनवाने के लिए उसकी पिटाई भी कर देते हैं और ऐसा करने से उन्हें राहत भी महसूस होती है. हालांकि, इस गलत तरीके से आप बच्चे को सही चीजें नहीं सिखा पाएंगे. इससे बच्चे केवल बाहरी चीजों से डरना सीखेंगे.
यदि आप अधिकांश माता-पिता की तरह हैं, तो आप चाहते हैं कि आपका बच्चा स्कूल में अच्छा करे, प्रोडक्टिव हो, जिम्मेदार हो और स्वतंत्र हो, सम्मानजनक हो, देखभाल करे और दयालु हो, और एक खुशहाल, स्वस्थ और संपन्न जीवन जिए. .लेकिन आप उन लक्ष्यों की दिशा में काम करने में कितना समय देते हैं?
मनोविज्ञान में पेरेंटिंग को लेकर काफी कुछ रिसर्च की गई है. ऐसे में क्योंकि जो ज्ञान वैज्ञानिकों द्वारा पहले से ही खोजा जा चुका है आप उसका लाभ उठाएं.