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मेरी कहानी: मैं जिस लड़की से प्यार करता था, अब वह मेरी भाभी बनने वाली है, उसे मेरे भाई ने मुझसे छीन लिया

जिस लड़की से मैं प्यार करता था, वह अब मेरी भाभी बनने वाली है। दरअसल, मेरी जिंदगी में कभी भी कुछ सही नहीं रहा है। मेरा भाई हमेशा ही मुझ पर अपना हुकूम चलाता है। 

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my girl Friend

Newz Funda, Viral Desk इसी एक वजह से मैं कभी भी अपनी जिंदगी में आगे नहीं बढ़ पाया। जिस लड़की से मैं प्यार करता था, उसे भी मेरे भाई ने मुझसे छीन लिया। मैं एकदम तन्हा अपनी जिंदगी बिता रहा हूं। मेरे पास कोई भी मेरा नहीं है।

किसी ने ठीक कहा है कि जब चीजें आपकी योजना के अनुसार नहीं होती हैं, तो स्थितियां बहुत ज्यादा खराब हो जाती हैं। मेरे साथ भी बचपन से कुछ ऐसा ही हुआ है। 

दरअसल, बात कुछ ऐसी है कि मेरा भाई हमेशा से ही मेरे माता-पिता के लिए बेशकीमती बेटा रहा है। 

उसे हमेशा ही अपनी लाइफ की सबसे अच्छी चीजें मिली हैं। माता-पिता के बुशमार लाड-प्यार ने न केवल उसे बिगाड़ दिया है बल्कि उसने हमेशा मेरे हाथों से मेरी खुशियां भी चुरा ली। शायद ऐसा इसलिए क्योंकि अपने पैरेंट्स के लिए मैं हमेशा ही दूसरे नंबर पर आता था।

घर में-स्कूल में और अब प्यार में भी। हर कोई मेरे भाई के लिए ही सब कुछ करता है। सच कहूं तो वास्तव में मेरे लिए यह बहुत ही आहत करने वाली भावना है। 

मैं जहां हमेशा ही एक शांत किस्म का इंसान रहा हूं, तो वहीं मेरे भाई को चमकने और हर किसी पर हावी होने की आदत है। यही एक वजह भी है कि मैं जीवन भर उसकी छाया में रहने को मजबूर हो गया। 

हालांकि, मुझे उसकी इस आदत से इतनी भी शिकायत नहीं थी, लेकिन जब उसने मुझसे मेरी सबसे कीमती चीज छीन ली, तो मैं एकदम पागल सा हो गया। 

दरअसल, मैं जिस लड़की से प्यार करता था, उसे भी मेरे भाई ने अपना बना लिया। (सभी तस्वीरें सांकेतिक हैं, हम यूजर्स द्वारा शेयर की गई स्टोरी में उनकी पहचान गुप्त रखते हैं)

रीता को देखते ही मुझे उससे प्यार हो गया

दरअसल, यह सब तब शुरू हुआ था जब मेरे माता-पिता रीता का रिश्ता मेरे लिए लेकर आए थे। 

उसे देखते ही मुझे उससे प्यार हो गया था। रीता के साथ घर बसाने वाली फीलिंग इतनी खास थी कि उसे मैं शब्दों में बयां भी नहीं कर सकता हूं। हमारा रिश्ता पक्का होने के बाद हमने एक-दूसरे से बात करना शुरू कर दिया था।

यह एक अद्भुत समय था, जब हम कुछ ही समय में एक-दूसरे के प्यार में पड़ गए थे। हम दोनों साथ थे। हम एक साथ डेट पर जाने लगे। हमने एक-दूसरे को जानने के लिए साथ में काफी समय बिताया। हम दोनों धीरे-धीरे एक बहुत ही खास बंधन में बंध रहे थे।

मेरे भाई ने आकर सब बर्बाद कर दिया

मैं और रीता एक-दूसरे को जान ही रहे थे कि तभी मेरा भाई ऑस्ट्रेलिया से वापिस आ गया। उसके आने के बाद चीजें बदलने लगीं। वह हमेशा की तरह काफी डैशिंग लग रहा था। 

यही एक वजह भी है कि उसे देखते ही मैं एक बार फिर से असुरक्षित हो गया। मुझे इस बात का डर था कि मेरा भाई मेरी जिंदगी में एक बार फिर कहर बरपाएगा और उसने ऐसा किया भी।

दरअसल, जब वो रीता से पहली बार मिलने आया, तो उसने इस बात की बिल्कुल परवाह नहीं की कि मेरी उससे शादी होने वाली है। वह उसके साथ बहुत ही ज्यादा दोस्ताना हो गया। 

वह अपने आकर्षण से उसे अपनी तरफ खींचने लगा। रीता को भी मैं उसकी तरफ बढ़ते देख सकता था। हम दोनों को मिले अभी एक महीना ही हुआ था इसलिए मैं उससे ज्यादा कुछ कह भी नहीं सकता था।

दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ने लगी थीं

इस मीटिंग के बाद रीता ने मेरे भाई से बात करना शुरू कर दिया था। हम दोनों जब भी एक साथ बाहर जाते थे, तो वह हमेशा उसके बारे में बात करती थी। 

धीरे-धीरे उसका रवैया मेरे प्रति बदलने लगा था। वह अब मुझमें कम दिलचस्पी ले रही थी। मुझे भी यह सब काफी स्पष्ट होता जा रहा था।

इतना सब कुछ चल ही रहा था कि एक दिन रीता का परिवार हमारे पास आया और कहने लगा कि रीता मुझसे शादी नहीं करना चाहती है। यह मेरे लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं था। ऐसा इसलिए क्योंकि उसने मुझे इस बारे में कभी कुछ नहीं बताया था।

मेरे भाई ने रिश्ते के लिए हां कर दी

इस शादी के टूटने की बात चल ही रही थी कि तभी उसके परिवार ने पूछा कि क्या मेरा भाई उससे शादी करना चाहेगा? इस बात को सुनते ही मेरा भाई तुरंत राजी हो गया। 

हर कोई इस बात से बहुत खुश था। पूरे घर में मैं अकेला व्यक्ति बचा था, जो इस सब में बलि का बकरा बन गया। 

मेरे ऊपर क्या बीत रही थी इसकी किसी को कोई परवाह नहीं थी। मैं अंदर ही अंदर टूट ही रहा था कि तभी मेरी मां मेरे पास आई और बोली 'जो होता है, वह अच्छे के लिए होता है बेटा...'

मैंने अपना घर छोड़ दिया

अपने भाई की इस हरकत पर मैं बुरी तरह गुस्सा था। मैंने उस रात घर पर बहुत लड़ाई की। मैंने अपना पूरा दिल सबके सामने लाकर रख दिया था। 

मेरे माता-पिता मेरे फटने से दंग रह गए और मेरा भाई वहीं खड़ा होकर सब सुनता रहा। उन्हें इस बात का जरा सा भी अंदाजा नहीं था कि बचपन से उनकी हरकतों ने मेरे साथ क्या-क्या किया है।

मैंने अगले कुछ महीनों के लिए अपना घर छोड़ने का कड़ा फैसला किया। मैं दूसरे शहर में जाकर रहने लगा। मैंने अकेले रहना शुरू कर दिया। मैं उस घर में नहीं रह सकता था, जहां मेरे अपनों ने ही मुझे मार डाला हो।