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कैलासा की ओर से संयुक्त राष्ट्र की बैठक में भाग लेने वाली कौन थी हैं ये महिला?, UN की क्या रही प्रतिक्रिया, जानें

कैलासा 2019 में रेप के गंभीर आरोपों के बीच भारत देश से भाग गया। बाद मेंए उसने कैलासा राष्ट्र से एक कथित देश बना लियाए जो मध्य अमेरिका के प्रशांत तट से दूर एक द्वीप पर स्थित है।
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Newz Funda, New Delhi नित्यानंद के काल्पनिक देश 'कैलासा' की प्रतिनिधि हाल ही में संयुक्त राष्ट्र की बैठक में शामिल हुई थीं। यूएन की बैठक में शिरकत करतीं नित्यानंद की प्रतिनिधि विजयप्रिया की तस्वीरें सामने आने के बाद मामले ने तूल पकड़ लिया। लेकिन अब नित्यानंद की प्रतिनिधि के यूएन में पहुंचने पर संयुक्त राष्ट्र का जवाब आया है।
संयुक्त राष्ट्र (यूएन) ने बुधवार को बलात्कार के आरोपी नित्यानंद को बड़ा झटका दिया। भारत में रेप के आरोपों का सामने कर रहे भगोड़े नित्यानंद के काल्पनिक देश की बातों को मानने से संयुक्त राष्ट्र ने इनकार कर दिया है। 

एनजीओ के तौर पर लिया था भाग

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, नित्यानंद के कथित देश ने प्रोपेगेंडा फैलाने के वास्ते एनजीओ के तौर पर संयुक्त राष्ट्र में भाग लिया था। यूएन का कहना है कि नित्यानंद की प्रतिनिधि ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर जो बयान दिया है, उस पर बिल्कुल विचार नहीं किया जाएगा। जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय (OHCHR) के प्रवक्ता ने बताया कि यूएन के मंच पर कैलासा के सदस्यों को उनकी प्रचार सामग्री बांटने से भी रोक दिया गया था। नित्यानंद बलात्कार और अपहरण के आरोपों का सामना कर रहा है और भारत में पुलिस ने उसे फरार घोषित किया है। वह 2019 में देश से भाग गया। बाद में, उसने "कैलासा राष्ट्र" से एक कथित देश बना लिया, जो कथित तौर पर मध्य अमेरिका के प्रशांत तट से दूर एक द्वीप पर स्थित है।

रिपोर्ट के मुताबिक, संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता ने बताया कि कैलासा के प्रतिनिधियों ने फरवरी  में जिनेवा में यूएन की दो पब्लिक मीटिंग्स में हिस्सा लिया था। इनमें से एक एलिमिनेशन ऑफ डिस्क्रिमिनेशन अगेंस्ट वीमेन (CEDAW) की बैठक 22 फरवरी को हुई थी जबकि दूसरी बैठक 24 फरवरी को हुई थी, जो आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक अधिकारों को लेकर थी, जिसका आयोजन यूएन के सीईएससीआर ने किया था। उन्होंने बताया, "24 फरवरी को हुई बैठक एक ओपन पब्लिक मीटिंग थी, जिसमें कोई भी हिस्सा ले सकता था। इस बैठक के समक्ष रखे गए सवालों या आरोपों पर एक एक्सपर्ट समिति गौर करती है। लेकिन कैलासा के विचारों पर यूएन गौर नहीं करेगा।" 

भगोड़ा तांत्रिक कहता है कि उसके देश कैलासा में "दो अरब हिंदू" रहते हैं। प्रवक्ता ने कहा, "कैलासा की परमानेंट एंबेसेडर होने का दावा करने वाली विजयप्रिया नित्यानंद ने जो मीटिंग में जो भी कहा, उस पर गौर नहीं किया जाएगा और ना ही संबंधित समिति के समक्ष भेजा जाएगा।"