home page

Green Revolution: 2030 तक भारतीय सड़कों पर दौड़ेंगे 2 करोड़ इलेक्ट्रिक वाहन, नितिन गडकरी ने कही हैरान कर देने वाली ये बात

गडकरी ने दावा किया कि इलेक्ट्रिक मोबिलिटी पर फोकस बढ़ने और इस सेगमेंट में ग्रोथ सुनिश्चित करेगी कि भारत फ्यूल सेक्टर में भी आत्मनिर्भर बने। उन्होंने कहा कि फ्यूल का...
 | 
green ev

Newz Funda, New Delhi केंद्रीय सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इस दशक के अंत तक भारतीय सड़कों पर दो करोड़ इलेक्ट्रिक वाहनों की परिकल्पना की है।

इलेक्ट्रिक मोबिलिटी और फ्यूचर मोबिलिटी पर एक कार्यक्रम में बोलते हुए मंत्री ने कहा कि ई-मोबिलिटी में बहुत बड़ी क्षमता है और इकोलॉजी और पर्यावरण को बचाने के लिए निवेशकों को इस क्षेत्र में आना चाहिए और निवेश करना चाहिए। 

गडकरी ने यह भी कहा कि 2030 तक भारत में लगभग दो करोड़ इलेक्ट्रिक वाहन होंगे। इससे न केवल प्रदूषण को कम करने में मदद मिलेगी, बल्कि रोजगार सृजन में भी मदद मिलेगी, जिसके परिणाम स्वरूप अंततः देश का विकास होगा। गडकरी ने आगे कहा कि यह भारत को आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेगा।

इलेक्ट्रिक बसों के संचालन पर जोर 

पर्यावरण प्रदूषण पर बोलते हुए उन्होंने ध्वनि प्रदूषण, वायु प्रदूषण और जल प्रदूषण को भी सुधारने की बात की। गडकरी ने कहा कि परिवहन क्षेत्र से 40 प्रतिशत प्रदूषण होता है। उन्होंने इसे खत्म करने के लिए इलेक्ट्रिक बसों के संचालन वृद्धि पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इससे देश में ग्रीन और क्लीन मोबिलिटी को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।

फ्यूल सेक्टर में भी आत्मनिर्भर बने भारत

गडकरी ने दावा किया कि इलेक्ट्रिक मोबिलिटी पर फोकस बढ़ने और इस सेगमेंट में ग्रोथ सुनिश्चित करेगी कि भारत फ्यूल सेक्टर में भी आत्मनिर्भर बने। उन्होंने कहा कि फ्यूल का आयात भारत के लिए एक बड़ी चुनौती है। मंत्री ने कहा कि पेट्रोल और डीजल के आयात के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था का लगभग 16 लाख करोड़ रुपये देश से बाहर चला जाता है।

80 प्रतिशत होता है आयात 

भारत अपनी कुल जीवाश्म ईंधन आवश्यकता का 80 प्रतिशत से अधिक विदेशी तेल उत्पादकों से आयात करता है, जिसके परिणामस्वरूप देश अपने विदेशी मुद्रा भंडार का एक बड़ा हिस्सा खर्च करता है। 

गडकरी का मानना ​​है कि इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के विकास से अंततः इस आयात लागत में काफी कमी आएगी। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकारों को इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए बैटरी की आवश्यकता को पूरा करने के लिए एक नीति तैयार करनी चाहिए, जिससे बड़े पैमाने पर रोजगार पैदा होगा।