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प्रधानमंत्री मोदी की डिग्री मामले में आया कोर्ट का निर्देश, 26 जुलाई को कोर्ट में केजरीवाल के साथ सांसद संजय स‍िंह होंगे पेश

गुजरात उच्च न्यायालय द्वारा प्रधानमंत्री मोदी की शैक्षणिक डिग्री पर मुख्य सूचना आयुक्त के आदेश को रद्द किए जाने के बाद गुजरात विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार पीयूष पटेल ने दोनों नेताओं के खिलाफ उनकी टिप्पणियों को लेकर मानहानि की शिकायत दर्ज कराई थी.

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प्रधानमंत्री मोदी की डिग्री मामले में आया कोर्ट का निर्देश

Newz Funda, Newdelhi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की डिग्री को लेकर ‘व्यंग्यात्मक’ और ‘अपमानजनक’ बयानों से संबंधित आपराधिक मानहानि के मामले (Defamation Case) में यहां की एक अदालत ने बृहस्पतिवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) और आप के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह (Sanjay Singh) को 26 जुलाई को कोर्ट के समक्ष पेश होने का निर्देश दिया.

आम आदमी पार्टी (आप) के दोनों नेताओं के खिलाफ मामला गुजरात विश्वविद्यालय (GU) की शिकायत के आधार पर दर्ज किया गया था. यहां की एक मेट्रोपोलिटन अदालत ने पूर्व में दोनों नेताओं को बृहस्पतिवार (13 जुलाई) को अपने समक्ष पेश होने का निर्देश दिया था. हालांकि, उनके वकील ने छूट संबंधी आवेदन दायर कर कहा कि केजरीवाल और संजय सिंह दिल्ली में भारी बारिश के कारण पेश नहीं हो सके.

गुजरात विश्वविद्यालय के वकील अमित नायर ने याचिका का विरोध नहीं किया. लेकिन अदालत से आग्रह किया कि आप नेताओं को अगली तारीख पर उपस्थित रहने का निर्देश दिया जाए क्योंकि मुकदमे में देरी हो रही है. पेशी से छूट संबंधी उनकी याचिका पर विचार करने के बाद, अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट एसजे पांचाल ने केजरीवाल और संजय सिंह को 26 जुलाई को उपस्थित रहने का निर्देश दिया.

सुनवाई के दौरान, आप नेताओं के वकील ने दंड प्रक्रिया संहिता (CRPC) की धारा 309 के तहत एक और याचिका दायर की, जिसमें अदालत से गुजरात उच्च न्यायालय में संबंधित मामले की सुनवाई के मद्देनजर, इस मामले की सुनवाई स्थगित करने का आग्रह किया गया. नायर ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि इस मामले और उच्च न्यायालय के समक्ष लंबित मामले के बीच कोई संबंध नहीं है. इसके बाद, आप नेताओं ने याचिका पर जोर नहीं दिया और इसे वापस ले लिया.

पिछली सुनवाई के दौरान, अदालत ने यह देखने के बाद दोनों आप नेताओं को तलब किया था कि प्रथम दृष्टया उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 500 (मानहानि) के तहत मामला बनता प्रतीत होता है.

गुजरात उच्च न्यायालय द्वारा प्रधानमंत्री मोदी की शैक्षणिक डिग्री पर मुख्य सूचना आयुक्त के आदेश को रद्द किए जाने के बाद गुजरात विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार पीयूष पटेल ने दोनों नेताओं के खिलाफ उनकी टिप्पणियों को लेकर मानहानि की शिकायत दर्ज कराई थी.

शिकायत में कहा गया कि दोनों नेताओं ने संवाददाता सम्मेलनों और ट्विटर पर प्रधानमंत्री मोदी की डिग्री को लेकर विश्वविद्यालय को निशाना बनाते हुए ‘अपमानजनक’ बयान दिए. इसमें कहा गया कि गुजरात विश्वविद्यालय के खिलाफ उनकी टिप्पणियां अपमानजनक थीं और उनका उद्देश्य विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाना था.