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सीमा पर जारी तनाव, आगामी चुनाव; क्यों अहम है PM मोदी का महाराष्ट्र और कर्नाटक दौरा

प्रधानमंत्री कार्यालय के अनुसार, प्रधानमंत्री कर्नाटक में 10,800 करोड़ रुपये से भी अधिक और महाराष्ट्र में 38,800 करोड़ रुपये से भी ज्‍यादा की लागत वाली परियोजनाओं का शिलान्यास एवं उद्घाटन करेंगे।

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सीमा पर जारी तनाव, आगामी चुनाव; क्यों अहम है PM मोदी का महाराष्ट्र और कर्नाटक दौरा

Newz Funda, New Delhi सीमा को लेकर जारी खींचतान के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को महाराष्ट्र और कर्नाटक दौरे पर होंगे। इस दौरान वह दोनों राज्यों को हजारों करोड़ रुपये की सौगात देंगे। 

इसके अलावा राजनीतिक रूप से भी पीएम मोदी का दौरा बेहद खास होगा, क्योंकि एक ओर जहां बृह्नमुंबई महानगरपालिका (BMC) में चुनाव होने वाले हैं। वहीं, कर्नाटक भी 2023 में विधानसभा के दौर से गुजरेगा। हालांकि, अभी तक कहीं तारीखों का ऐलान नहीं हुआ है।

पहला स्टॉप कर्नाटक, शाम मुंबई के नाम

पीएम मोदी दोपहर में कर्नाटक पहुंचेंगे, जहां यादगीर और कलबुर्गी का दौरा करेंगे। संभावनाएं जताई जा रही हैं कि शाम को लगभग 5 बजे वह मुंबई में कई विकास कार्यों का उद्घाटन, लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे। 

यहां पीएम मुंबई मेट्रो की सवारी भी करेंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय के अनुसार, प्रधानमंत्री कर्नाटक में 10,800 करोड़ रुपये से भी अधिक और महाराष्ट्र में 38,800 करोड़ रुपये से भी ज्‍यादा की लागत वाली परियोजनाओं का शिलान्यास एवं उद्घाटन करेंगे।

महाराष्ट्र-कर्नाटक में जारी है सीमा विवाद

महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच सीमा विवाद थमा नहीं है। बीते साल दिसंबर में दोनों राज्यों में मुद्दे को लेकर माहौल काफी गर्मा गया था उस दौरान हिंसा की भी कई खबरें आई थीं। सीमा विवाद को लेकर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और कर्नाटक सीएम बसवराज बोम्मई केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से भी मिले थे। ऐसे में पीएम मोदी की नेताओं से मुलाकात अहम साबित हो सकती है।

फिलहाल, दोनों ही स्थानों पर चुनाव की तारीखों का ऐलान नहीं हुआ है, लेकिन सियासी माहौल बनने लगा है। एक ओर जहां दक्षिण में विस्तार की कोशिशों में जुटी भाजपा के लिए कर्नाटक में सत्ता में बने रहने की चुनौती है। 

वहीं, मुंबई में पार्टी शिवसेना के नियंत्रण से BMC हासिल करने की योजना बना रही है। साल 2017 के चुनाव में भाजपा BMC में 82 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर रही थी।

साल 2019 में भाजपा और शिवसेना अलग हो गए थे। इसके बाद उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) और कांग्रेस समेत अन्य दलों के साथ मिलकर महाविकास अघाड़ी सरकार बनाई थी।

कर्नाटक में येदियुरप्पा की भूमिका पर अटकलें

हाल ही में राजधानी दिल्ली में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई थी। उस दौरान पीएम मोदी ने कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा से अलग 15 मिनट की चर्चा की थी। राज्य में वरिष्ठ नेता के नाराज होने की खबरें हैं। ऐसे में पीएम मोदी के साथ मुलाकात के बाद उनकी भूमिका को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं।

कहा जा रहा है कि भाजपा राज्य में एक बार सीएम बसवराज बोम्मई और पार्टी प्रमुख नलिन कुमार से पहले येदियुरप्पा पर भरोसा कर सकती है। एक मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से बताया गया कि कई नेताओं ने सुझाव दिया है कि उन्हें अपने क्षेत्र में येदियुरप्पा के प्रचार की जरूरत है। दरअसल, बीते कुछ दशको में कर्नाटक में एक पार्टी लगातार दूसरी बार सत्ता में नहीं आ सकी है।

शिंदे-फडणवीस ने बदले प्लान

खबरें हैं कि पीएम मोदी के मुंबई दौरे को देखते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अपने दावोस प्लान में बदलाव किए थे। एक ओर जहां फडणवीस ने वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में अपना जाना कैंसल कर दिया। वहीं, शिंदे भी तय समय से एक दिन पहले मुंबई लौटने की योजना बना रहे थे।