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China में आंदोलन के बाद बीजिंग और शंघाई में बढ़ाई गई सुरक्षा, जानिए क्या है Xi Jinping का प्लान?

चीन सरकार के रवैये के खिलाफ काफी लोग एकजुट हो गए हैं।

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Newz Funda, New Delhi चीन सरकार ने लगातार हो रहे आंदोलन के बाद सुरक्षा को लेकर कमर कस ली है। सरकार अपने रवैये में सुधार करने के बजाय आंदोलनकारियों पर ही सख्ती बरतेगी।

जिसके लिए रणनीति बनाई जा रही है। आपको बता दें कि सरकार ने बड़े शहरों की सुरक्षा को मजबूत कर लिया है। जिसके बाद बीजिंग, शंघाई में ज्यादा फोर्स को तैनात किया गया है।

बीजिंग से लेकर शंघाई तक लोग लगातार उग्र हो रहे हैं। जिसके बाद सरकार सख्ती बरतने के मूड में है। सोमवार को चीन सरकार ने बीजिंग, शंघाई में सुरक्षा कड़ी कर दी।

यहां सैकड़ों लोगों ने आंदोलन किया था। इसके अलावा शिनजियांग में भी सख्ती की गई है, जहां के उरुमकी शहर में एक इमारत में आग लगने से 10 लोगों की मौत हो गई थी।

इस घटना के बाद ही लोगों का गुस्सा फूटा था। इसके बाद से लगातार विरोध हो रहा है।

आजादी चाहिए जैसे नारे लगे
प्रदर्शन करने वाले लोगों का कहना था कि कोरोना से निपटने की पाबंदियों के चलते आग लगने के बाद बचाव कार्य में देरी हुई। प्रदर्शन करने वाले लोगों ने हम क्या चाहते आजादी जैसे नारे लगाए।

इसके अलावा शी जिनपिंग गद्दी छोड़ो के भी नारे लगाए गए। दरअसल चीन ने कोरोना संकट से निपटने के लिए जीरो कोविड पॉलिसी लागू कर रखी है।

इसके चलते बड़े शहरों में लाखों लोगों को घरों के अंदर बंद रहना पड़ा है। यही वजह है कि लोगों का सब्र अब जवाब दे रहा है। यहां तक कि लोग कह रहे हैं कि हमें स्वास्थ्य की फिक्र नहीं है, लेकिन आजादी चाहिए। 

10 लोगों की गई थी जान
चीन की सरकार ने इन आंदोलनों को लेकर कुछ नहीं कहा है। लेकिन सफाई देते हुए यह जरूर कहा कि आंदोलन सही तस्वीर नहीं बताता कि किस वजह से लोग सड़कों पर उतरे थे।

उरुमकी शहर की एक इमारत में आग लगने से 10 लोगों की मौत हो गई थी। इसके अलावा एक घटना में एक स्थानीय नागरिक की पिटाई हो गई।

इससे लोग आहत हुए और उन्होंने आग की घटना में बचाव में देरी होने के लिए पाबंदियों को जिम्मेदार ठहराया। इसके चलते बड़े पैमाने पर आंदोलन हुए हैं।

सड़कों के अलावा बीजिंग, वुहान, शंघाई, उरुमकी, हांगझू, ग्वांगझू जैसे शहरों की यूनिवर्सिटीज में भी छात्रों ने आंदोलन किए हैं।