home page

जोशीमठ मामले पर PMO ने बुलाई बैठक, इन मु्द्दों को लेकर कि गई चर्चा

जोशीमठ मामले ने सरकार को चिंता में डाल दिया है. जिसके देखते हुए पीएमओ ने एक ने हाई लेवल मिटिंग बुलाई है. इसमें प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव ने पुरी स्थिति की जानकारी दी है.
 | 
joshimath jameen

Newz Funda, Uttrakhand Deskउत्तराखंड के मुख्य सचिव ने पीएमओ ने बिगड़ते हालातों को देखते हुए इनसे निपटने का कोई तरिका ढंढने की बात कही है. बता दें कि सरकार की एजेंसियां और विशेषज्ञों की ओर से लघु, मध्यम और दीर्घकालिक की एक टीम तैयार की जा रही है.

जोशीमठ में भू-धंसाव मामले पर पीएमओ ने चिंता जतात हुए प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव ने स्थिति की समीक्षा की. इसपर राज्य के सचिव ने पीएमओ को घटना की जानकारी दी है. बताया कि भू-धंसाव से प्रभावित परिवारों को दुसरी जगहों पर लेजाया जा रहा है.

पीएमओ की तरफ से एक ब्यान जारी हुआ है कि जोशीमठ मामले को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी चिंतित हैं. उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से घटना की पूरी जानकारी ली है और भरोसा दिया है कि वह जल्द से जल्द कोई हल निकाल लेंगें.

बैठक में आलोचना हुई है कि केंद्र सरकार की एजेंसियां और विशेषज्ञ लघु, मध्यम और दीर्घकालिक योजना तैयार कर लोगों की रक्षा के लिए तैयार हैं.

एनडीआरएफ की एक टीम और एसडीआरएफ की चार टीमें घटनास्थपल पर पहुंच गई है. सचिव सीमा प्रबंधन और एनडीएमए के सदस्य कल कर उतराखंड का दौरा करने जा रहे हैं. साथ ही स्थिति का जायजा करके इसके बारें में कोई और कदम उठाया जायेगा.

इसमें राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान, आईआईटी रुड़की, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाइड्रोलॉजी, वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी और सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट की टीम इसका जायजा करके एक रिपॉर्ट तैयार कर रही है. साथ ही ये बतायेगी कि इससे कैसे बचा जा सकता है.

राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने जानकारी दी है कि अब तक 603 मकान खराब हो गए हैं, चारों तरफ दरारें ही दरारें पड़ गई है. इससे प्रभावित 68 परिवारों को वहां से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है.

हालांकि, सचिव आपदा प्रबंधन विभाग ने जानकारी दी है कि इससे पहले 80 परिवारों को वहां से निकाल दिया गया है और उनहें रहने के लिए स्थान दिया है.

आपकी जानकारी के लिए बता दें उत्तराखंड के मुख्य सचिव डॉ. सुखवीर सिंह संधू ने रविवार को जोशीमठ पहुंचकर भूधंसाव क्षेत्रों का निरीक्षण कर स्थिति को परखा है.

इस दौरान उनके साथ डीजीपी पुलिस अशोक कुमार एवं सचिव मुख्यमंत्री आर. मीनाक्षी सुंदरम की मद्द ली है. अब देखना ये होगा कि सरकार ग्रामिणों की रक्षा के लिए क्या व्यवस्था करती है.

मुख्य सचिव ने जानकारी दी है कि वैज्ञानिक भूधंसाव कारणों का पता लगा रहे है. जैसे ही कोई जानकारी मिलेगी तो उसी समय उसका हल किया जायेगा. सचिव का कहना है कि लोगों जान को बचाना हमारा कर्तव्य है. स्थानीय प्रशासन हमेशा इनके लिए तैयार रहेगा.

उन्होंने स्थानीय नागरिकों से अपिल की है कि कोई स्थिति को देखकर घबरांए नहीं. वर्ना यह सबके लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है. जिला प्रशासन के द्वारा जहां पर व्यवस्था की गई है, वहां लोगों को तूरंत भेजा जा रहा है.

इस दौरान मुख्य सचिव ने मनोहर बाग, सिंग्धार, मारवाडी स्थित जेपी कंपनी ने पीड़ित इलाकों का जायजा लिया है. जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने मुख्य सचिव को इस गंभिरता को जांचने के लिए अग्रसर किया है.

बता यह है कि जोशीमठ इलाका एक गंभीर दौर से गुजर रहा है. धरती के फटने के कारण 600 से ज्यादा घर डुब चुके हैं. जहां खतरा ज्यादा दिख रहा है वहां के लोगों को निकालकर कहीं और भेजा जा रहा है.

इस बीच विशेषज्ञ ने चेतावनी दी है कि अगर इस स्थिति को काबू में नहीं किया गया तो यह वहां के लोगों के लिए तबाही से कम नहीं होने वाला है.