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श्रीकृष्ण जन्मभूमि के मामले में Shahi Eidgah के सर्वे के आदेश, ओवैसी भड़के; बोले-मैंने पहले ही कहा था कि...

श्रीकृष्ण जन्मभूमि के मामले में शाही ईदगाह में सर्वे करवाने को मथुरा की कोर्ट ने आदेश जारी किए हैं।

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Newz Funda, New Delhi श्रीकृष्ण जन्मभूमि और Shahi Eidgah को लेकर चल रहे Dispute के बीच बड़ी खबर आई है। आपको बता दें कि अब श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह विवाद पर मथुरा कोर्ट ने जो आदेश दिए हैं, उनके मुताबिक ईदगाह में सर्वे करवाया जाएगा।

वहीं, न्यायालय के आदेशों के बाद एआईएमआईएम मुखिया असदुद्दीन ओवैसी की ओर से भी नाराजगी जाहिर की गई है। इसको लेकर उनका एक ट्वीट सामने आया है, जिसको लेकर उन्होंने संघ परिवार के खिलाफ हमला बोला है।

मामले को लेकर न्यायालय में श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह विवाद में याचिका दाखिल की गई है। जिसके ऊपर ही सुनवाई हुई। मामले में सुनवाई शुरू होते ही मथुरा कोर्ट की ओर से कहा गया कि शाही ईदगाह का सर्वे होना चाहिए।

जिसके बाद से ही आदेशों को लेकर अब राजनीति गर्मा गई है। जिसके बाद AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की ओर से टिप्पणी आई है।

उन्होंने ईदगाह परिसर में सबूतों की जांच को लेकर अपनी बात रखी है। मालूम हो कि न्यायालय की ओर से भी मामले में सबूतों की जांच के लिए आयुक्त नियुक्त करने को लेकर कहा गया है।

संघ परिवार को लेकर कही ये बात

ओवैसी ने कहा कि उन्होंने पहले ही कह दिया था कि एक पक्ष की ओर से मुस्लिमों को लगातार निशाना बनाया जा रहा है। बाबरी मस्जिद के फैसले के बाद संघ परिवार की शरारतें बढ़ेंगी, इसको लेकर उन्होंने पहले ही बोल दिया था।

अब कोर्ट की ओर से सबूतों की जांच के लिए फिर से आयुक्त को जिम्मेदारी दे दी है। जबकि मंदिर और मस्जिद के विवाद को हल करने के लिए लिखित तौर पर समझौता हुआ है, इसलिए कोई उन्हें लेने और देने का उपदेश न दें। 

कोर्ट ने तय की 20 जनवरी तक की समय सीमा

मामले में न्यायालय की ओर से सर्वे को लेकर 20 जनवरी तक की समय सीमा दी गई है। इसी डेट तक रिपोर्ट सौंपनी होगी। वहीं, मामले को लेकर विष्णु गुप्ता की ओर से अपील की गई है। जिसके बाद कोर्ट की ओर से अमीन से भी रिपोर्ट मांगी गई है।

सभी पक्षों को इस बारे में नोटिस भी जारी किया गया है। आपको बता दें कि वादी विष्णु गुप्ता ने 13.37 एकड़ जमीन छुड़वाने की मांग की है। ये विवाद काफी समय से चल रहा है।

जिसमें कुल जमीन में से श्रीकृष्ण जन्मभूमि के पास 10.9 एकड़ का मालिकाना हक है। ढाई एकड़ जमीन मस्जिद के पास है। हिंदू पक्ष की ओर से इस ढांचे को अवैध बताया गया है। जिसके बाद विवाद हाईकोर्ट तक गया था।

जिसके बाद निचली अदालत को आदेश दिया गया था कि चार माह के भीतर मामले को निपटाने का प्रयास करें।