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Earthquake: पाकिस्तान की धरती पर महसूस हुए भूकंप के झटके, रिक्टर स्केल पर रही 6.3 तीव्रता

पाकिस्तान के इस्लामाबाद में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं.  इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 6.3 मापी गई है.  गौरतलब है कि आम तौर पर 6.3 तीव्रता का भूकंप बेहद खतरनाक और विनाशकारी होता है।

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Newz Funda, New Delhi पाकिस्तान के इस्लामाबाद में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं.  इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 6.3 मापी गई है.  गौरतलब है कि आम तौर पर 6.3 तीव्रता का भूकंप बेहद खतरनाक और विनाशकारी होता है। इस भूकंप से जानमान के नुकसान की तत्काल कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है.

पाकिस्तान के इस्लामाबाद में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं.  इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 6.3 मापी गई है.  गौरतलब है कि आम तौर पर 6.3 तीव्रता का भूकंप बेहद खतरनाक और विनाशकारी होता है। इस भूकंप से जानमान के नुकसान की तत्काल कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है. अधिक जानकारी की प्रतीक्षा की जा रही है.

बता दें कि बीते साल 22 जून में अफगानिस्तान और पाकिस्तान झटके 6.1 तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. यूएस जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) के मुताबिक, भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान के दक्षिणपूर्व में था.

पाकिस्तान की मीडिया के मुताबिक, भूकंप के झटके वहां इस्लामाबाद समेत बाकी शहरों में भी महसूस हुए. तब इसकी वजह से लोग डरकर इधर-उधर भागने लगे थे. इससे पहले 17 जून को भी को भी पाकिस्तान में भूकंप आया था. तब इस्लामाबाद, पेशावर, रावलपिंडी और मुल्तान में ये झटके महसूस हुए थे. ये झटके फैसलाबाद, एबटाबाद, स्वात, बुनेर, कोहाट और मलकांडी में भी महसूस हुए.

क्यों आता है भूकंप?

धरती मुख्य तौर पर चार परतों से बनी हुई है. इनर कोर, आउटर कोर, मैनटल और क्रस्ट. क्रस्ट और ऊपरी मैन्टल कोर को लिथोस्फेयर कहा जाता है. अब ये 50 किलोमीटर की मोटी परत कई वर्गों में बंटी हुई है जिन्हें टैकटोनिक प्लेट्स कहा जाता है.

यानि धरती की ऊपरी सतह 7 टेक्टोनिक प्लेटों से मिलकर बनी है. ये प्लेटें कभी भी स्थिर नहीं होती, ये लगातार हिलती रहती हैं, जब ये प्लेटें एक दूसरे की तरफ बढ़ती है तो इनमें आपस में टकराव होता है.

कई बार ये प्लेटें टूट भी जाती हैं. इनके टकराने से बड़ी मात्रा में ऊर्जा निकलती है जिससे इलाके में हलचल होती है. कई बार ये झटके काफी कम तीव्रता के होते हैं, इसलिए ये महसूस भी नहीं होते. जबकि कई बार इतनी ज्यादा तीव्रता के होते हैं, कि धरती फट तक जाती है.