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गुजरात में BJP रैलियां निकाल कर रही प्रचार, ये है Congress और AAP की रणनीति

गुजरात विधानसभा चुनाव को लेकर सभी पार्टियों की ओर से रणनीति बना ली गई है।

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Newz Funda, New Delhi गुजरात चुनाव को लेकर बड़ी बात आपसे शेयर कर रहे हैं।

पता होगा कि इस बार मुकाबला यहां त्रिकोणीय होने के आसार हैं। जिसका कारण आम आदमी पार्टी (AAP) का यहां से इलेक्शन लड़ना है।

इस बार गुजरात चुनाव को लेकर बीजेपी के साथ ही कांग्रेस की ओर से अलग रणनीति बनाई गई है।

बता दें कि फिलहाल तीनों दल जीत के लिए ऐड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं।

बीजेपी की ओर से रोड शो निकालने के अलावा रैलियां की जा रही हैं। वहीं, कांग्रेस गुपचुप तरीके से वोटों की गुहार लगा रही है।

बता दें कि खुद पीएम भी कह चुके हैं कि इस बार कार्यकर्ताओं को ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है।

यहां पर 5 दिसंबर को चुनाव होने हैं। जिसके बाद नतीजों की घोषणा 8 नवंबर को होगी।  

पीएम भी रैली में कह चुके हैं खास बात

आपको बता दें कि पीएम की ओर से एक रैली में कहा गया था कि वे भले ही गुपचुप ढंग से काम करें, लेकिन उनसे सतर्क रहें।

इस बार कांग्रेस का ध्यान ज्यादा रैली करने, रोड शो निकालने के अलावा दूसरे माध्यमों से ही प्रचार कर रही है।  

इससे पहले भी कांग्रेस की ओर से खटला बैठकें कर पिछले चुनाव में लोगों से अपील की गई थी।

लेकिन सत्ता से दूर करने में कामयाब नहीं हो सकी थी।

आपको बता दें कि 2017 में पहली बार 1995 के बाद बीजेपी को 99 सीटों पर समेटने में कांग्रेस कामयाब रही थी।

वहीं, इस बार केजरीवाल की पार्टी भी उत्साह से जीत का दावा कर रही है।

लोगों की मानें तो इस बार मुकाबला त्रिकोणीय माना जा रहा है।  

घर-घर जाकर समर्थन मांग रहे हैं कांग्रेसी

कांग्रेस की ओर से रैलियां करने के बजाय लोगों से घर-घर जाकर समर्थन मांगा जा रहा है।

बताया ये भी जा रहा है कि इसका कारण पार्टी के पास पैसे की कमी है।

जिसके कारण ही छोटी सभाएं करने का एलान किया गया है।

वहीं, इससे कोर वोटर्स पर पकड़ मजबूत करने को भी रणनीति माना जा रहा है।  

कांग्रेस नेताओं का भी कुछ ऐसा ही मानना है कि इससे लोगों के साथ पार्टी का जुड़ाव ज्यादा होगा।

कांग्रेस की ओर से दावा किया जा रहा है कि इस बार वे लोग 125 सीटों पर जीत दर्ज करने जा रहे हैं। 

वहीं, आम आदमी पार्टी की ओर से यहां पर दिल्ली मॉडल को लागू करने की बात कही जा रही है।

गुजरात की कई रैलियों में खुद केजरीवाल भी स्कूलों, अस्पतालों, बिजली, रोजगार को लेकर बात कर चुके हैं।

उन्होंने कहा कि वे जीत के लिए दांवपेच कर रहे हैं।