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Adampur byelection: आदमपुर में हार पर फिर सामने आई कांग्रेस की रार, कुमारी सैलजा का भूपेंद्र हुड्डा पर निशाना...एक परिवार के हाथ में थी कमान

आदमपुर उपचुनाव में हार के बाद कुमारी सैलजा ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर निशाना साधा है। 

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Newz Funda, Hisar हिसार की आदमपुर विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस की हार के बाद कांग्रेस की रार लगातार बढ़ रही है।

जिसके बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है। पार्टी में मचे घमासान ने लगातार दूसरे दलों को भी पार्टी पर हमला करने का मौका दे दिया है।

अब बात करें तो कुमारी सैलजा ने पूर्व सीएम रहे हुड्डा को घेरा है। ऐसा माना जा रहा है कि कुछ महीने पहले हुड्डा कैंप के दबाव के चलते की सैलजा को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी छोड़नी पड़ी थी।

जिसके बाद अब सैलजा ने कहा है कि एक परिवार विशेष के पास ही चुनाव प्रचार की कमान थी। ऐसा लग रहा था कि एक ही परिवार लोगों के बीच चुनाव लड़ रहा है।

कहीं पर भी कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय जैसी छवि नजर नहीं आई। आपको बता दें कि सैलजा के इस बयान के बाद पार्टी में आरोप-प्रत्यारोप तेज हो सकते हैं।

भूपेंद्र सिंह हु़्ड्डा और उनके बेटे दीपेंद्र सिंह हुड्डा के हाथों में ही पूरे चुनाव की कमान थी। हुड्डा गुट की ओर से जयप्रकाश को ही कैंडिडेट बनाया गया था।

जिनको 16 हजार वोटों से हार का सामना करना पड़ा। सैलजा ने कहा कि पूरे चुनाव में सेलेक्शन से लेकर उम्मीदवार के साथ वोट मांगने तक सब एक ही परिवार का हाथ नजर आया।

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने आरोपों को लेकर नहीं दिया जवाब

खट्टर की सरकार से खफा लोगों ने कांग्रेस को वोट नहीं दिए, कहीं न कहीं इसका कारण यही नजर आया। कुमारी सैलजा के बाद ही दलित नेता उदयभान को नया अध्यक्ष बनाया गया था।

माना जा रहा है कि उसके बाद ही कुलदीप बिश्नोई ने भाजपा का दामन थामा था। उन्होंने कांग्रेस को बाय-बाय कह दिया था।

इस्तीफे से खाली आदमपुर सीट पर बाइलेक्शन हुआ और कुलदीप के बेटे भव्य बिश्नोई को भाजपा के टिकट पर यहां से शानदार जीत नसीब हुई। आगे भी इससे जुड़ी जानकारी आपको बता रहे हैं।

आपको बता दें कि इसके बाद भूपेंद्र सिंह हुड्डा की ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया है। उन्होंने सिर्फ यही कहा कि कांग्रेस ने मजबूती से चुनाव लड़ा था।

भाजपा का जीत के बाद भी वोट कम हुआ है। कभी कांग्रेस को यहां से 10 हजार वोट ही मिले थे, जब कुलदीप ने हजकां का गठन किया था।

लेकिन इस बार 50 हजार से ज्यादा वोट मिले हैं। भाजपा का मुकाबला हरियाणा में सिर्फ कांग्रेस से ही है।