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प्राकृतिक खेती के लिए हरियाणा सरकार का समर्थन देंगे किसान, 60 किसानों ने किया आवेदन

हरियाणा में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार लंबे समय से प्रयास कर रही है. सरकार का प्रयास अब रंग ला रहा है . प्राकृतिक खेती के लिए अब किसान भी आगे आने लगे हैं. प्राकृतिक खेती लिए सोहना में करीब 60 किसानों ने आवेदन किया है.
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प्राकृतिक खेती के लिए हरियाणा सरकार का समर्थन देंगे किसान...

Newz Funda, Haryana: हरियाणा में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार लंबे समय से प्रयास कर रही है. सरकार का प्रयास अब रंग ला रहा है . प्राकृतिक खेती के लिए अब किसान भी आगे आने लगे हैं. प्राकृतिक खेती लिए सोहना में करीब 60 किसानों ने आवेदन किया है.वहीं इन्हें जल्द ही विभाग ट्रेनिंग देकर प्राकृतिक खेती के लिए तैयार करेगा.

प्राकृतिक खेती का मुख्य उद्देश्य खानपान को बदलना है.प्राकृतिक खेती के तहत किसी भी तरीके के कृषि रसायन व उर्वरक का प्रयोग नहीं किया जाता. बल्कि इसकी पूरी प्रक्रिया प्राकृतिक संसाधनों पर ही निर्भर करती है. सरकार द्वारा प्राकृतिक खेती को प्रदेश भर में प्रोत्साहित किया जा रहा है. खेतों में मिट्टी की गुणवत्ता को बनाने रखने के लिए किसानों को जागरूक होकर प्राकृतिक खेती करने की जरूरत है. रासायिनक खाद से मिट्टी की गुणवत्ता में कमी आ रही है.प्राकृतिक खेती के लिए किसानों को खेती में अपनी पुरानी पद्धति पर कार्य करना होगा ताकि खेत के मिट्टी की गुणवत्ता बनी रहे.

क्या है जीवामृत घोल
मिट्टी की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए दो पद्धतियों पर काम करना होता है.पहला जीवामृत घोल तैयार करके उसे खेतों में डालना होता है. यह कीटनाशक का काम करता है.जिसमें गाय का गोबर व अन्य चीजों को मिलाया जाता है. वहीं गाय का गोबर भी खेतों में डाला जाता है. इसको लेकर किसानों को विशेष ट्रेंनिग दी जाती है.

देसी गाय करेगी प्राकृतिक खेती में सहयोग
अधिकारियों ने बताया कि इस योजना से किसानों को प्राकृतिक खेती के साथ-साथ स्वदेशी गाय खरीदने में भी मदद मिलेगी. प्राकृतिक खेती से रासायनिक खाद को पूरी तरह समाप्त किया जाएगा क्योंकि इस रासायनिक खाद से तमाम बीमारियां लोगों के अंदर हो रही हैं . अभी से प्राकृतिक खेती की शुरुआत के बाद आने वाली पीढ़ी को इसका पूरा फायदा मिलेगा. इसका मुख्य उद्देश्य ज़मीन में हजारों कीटों को पैदा करना है. जब ज़मीन में कीट पैदा होंगे उतनी ही पैदावार बढ़ेगी.प्राकृतिक खेती से लोगों की सेहत पर अच्छा असर पड़ेगा.