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Stubble Burning: किसान पराली न जलाकर बन सकते हैं मालामाल, कमाई के लिए अपनाना है बस ये आसान सा तरीका

किसानों के लिए खुशखबरी है। सरकार पराली नहीं जलाने पर उनकी दोहरी मदद करने वाली है।

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Newz Funda, Chandigarh हरियाणा के किसानों के लिए सरकार खास सौगात लेकर आई है। यहां पर सरकार किसानों को फसल अवशेष प्रबंधंन स्कीम के तहत विशेष प्रकार की सुविधा का लाभ दे रही है।

आपको बता दें कि सीटू व एक्स सीटू मैनेजमेंट के अंतर्गत किसानों को लाभ दिया जा रहा है। जिसके तहत प्रति एकड़ एक हजार रुपये तक की मदद उपलब्ध कराई जा रही है।

इसके लिए किसानों को सिर्फ आसान सा तरीका अपनाना है। बता दें कि हरियाणा सरकार की ओर से मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल उपलब्ध करवाया गया है।

यहां पर पंजीकरण कराने के बाद योजना का लाभ लिया जा सकता है। आगे किसानों को योजना के बारे में विस्तार से अवगत करवाया जा रहा है।

इस समय देश के कई राज्यों में धान की कटाई का काम जोरों पर है। कई जगह फसल की कटाई हो चुकी है। और कई जगह पर चल रही है।

यही नहीं, कई इलाकों में तो किसान धान की फसल के बाद अगली बुआई कर चुके हैं। कुछ राज्यों की अगर बात करें तो सरकार धान खरीद की प्रकिया को शुरू भी कर चुकी है।

इसके अलावा जो बात निकलकर सामने आ रही है। वो यह है कि दिल्ली-एनसीआर समेत कई राज्यों में प्रदूषण का स्तर काफी तेजी से बढ़ोतरी कर चुका है।

1 हजार रुपये की मदद देगी सरकार

इसके बीच ही हरियाणा सरकार की ओर से एक नायाब तरीका निकाला गया है। प्रदेश की खट्टर सरकार की ओर से एलान किया गया है कि किसानों को पराली नहीं जलाने पर प्रति एकड़ 1 हजार रुपये की मदद दी जाएगी।

इसके लिए हरियाणा सरकार किसानों को फसल अवशेष प्रबंधंन स्कीम का लाभ दे रही है। इस स्कीम के तहत सीटू व एक्स सीटू मैनेजमेंट के तहत ही किसानों को प्रति एकड़ एक हजार रुपये दिए जाएंगे।

ताकि किसानों को पराली नहीं जलाने के लिए मनाया जा सके। किसानों को इसके लिए सरकार की ओर से उपलब्ध कराए गए मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवाना है।

जिसके बाद उन्हें लाभ दिया जाएगा। बता दें कि इस स्कीम के तहत किसानों को बेलर मशीनें भी सरकार की ओर से दी जा रही हैं।

किसानों को सिखाए जाएंगे तरीके

जिससे पराली की गांठें बनाने का तरीका भी किसानों को सिखाया जाएगा। किसान गांठों को बेचकर बढ़िया मुनाफा कमा सकते हैं।

धान के फानों को जमीन में कृषि मशीनों के सहारे दबाने का प्रोसेस भी किसानों को बताया जा रहा है।

फसल अवशेष प्रबंधंन स्कीम के तहत हरियाणा की सरकार किसानों को 50 से 60 फीसदी अनुदान पर खेती की मशीनें भी उपलब्ध करा रही हैं।

माना जा रहा है कि इससे प्रदूषण का स्तर भी घटेगा और किसानों की आय में भी बढ़ोतरी होगी।