Business Idea : इन 5 पेड़ों की खेती करने से होगी नोटों की बारिश, जानें इन से कमाई करने का आसान तरीका
ऐसे में आप फसल की खेती के साथ -साथ पेड़ों की खेती कर के भी लाखों का मुनाफा कमा सकते है। आप एक एकड़ में ये पांच पेड़ लगा कर कुछ ही सालो में करोड़ो के मालिक बन सकते है। ऐसा ही एक उदाहरण शशि सिंह ने पेश किया है, उसने करीब 10 बीघे जमीन में सफेद चंदन के पेड़ लगाए थे।
इनके साथ ही उसने शुरुआत में तीन-चार साल तक छोटे-छोटे अन्य पौधे लगाकर भी काफी कमाई की थी। अगर आप भी अपने खेत में चंदन के पेड़ लगाते हैं तो इससे आप भी माला माल हो सकते है। आज हम आपको उन 5 पेड़ों की जानकारी देने जा रहे है।
ये 5 पेड़ लगाकर कमा सकते है करोड़ो रुपये
अगर आप भी खेती करके पैसा कमाना चाहते है, तो हम आपको उन पांच पेड़ों के बारे में बताने जा रहें है, जिन्हें आप खेत में लगाकर 15-20 साल की अवधि में करोड़ों रुपए की कमाई कर सकते है। शुरुआत में एक दो साल तक ही इन पेड़ों की खास देखभाल करनी होती है।
उसके बाद ज्यादा मेहनत करने की भी आवश्यकता नहीं होती। यह पेड़ ना सिर्फ लकड़ी के लिहाज से महंगे बिकते हैं, बल्कि इनमें से कई पेड़ों की फल, पत्तियां, खाल और जड़ आदि भी बहुत महंगे बिकते है।
जानिए इन पेड़ो के बारे में
उत्तर प्रदेश के फतेहपुर में रहने वाले किसान शशि सिंह परंपरागत खेती करते हुए काफी परेशान रहते थे। उनके पास करीब 65 बीघे खेत थे , जिनके बीज, कीटनाशक और खाद आदि की लागत काफी आती थी। कभी-कभी तो मौसम की मार की वजह से उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ता था।
फिर उन्हें एक कृषि मेले में इन पेड़ों के बारे में जानकारी मिली। यूपी के फतेहपुर के किसान शशि सिंह ने 2007 में अपने पूरे खेत में यह पेड़ लगाकर छोड़ दिए। जिसके बाद से उन पर तो धन राशि की वर्षा ही होने लगी।
करीब 10 बीघे जमीन पर शशि सिंह ने चंदन के पेड़ लगाए थे। शुरुआती समय में उसने तीन-चार साल तक छोटे-छोटे अन्य पौधे लगाकर भी काफी कमाई की।
चंदन का पेड़
चंदन की लकड़ी बाजार में ₹30000 प्रति किलो के हिसाब से बिकती है, जिससे इत्र भी बनाया जाता है। इसके साथ ही कई उत्पादों में चंदन का फ्लेवर डाला जाता है। चंदन की बेहतरीन मांग को देखते हुए यह किसानों के लिए लाभ का सौदा साबित हो सकता है। 15 साल की अवधि के बाद चंदन के एक पेड़ से करीब 50 किलो तक लकड़ी प्राप्त की जा सकती है।
सागवान का पेड़
शशि सिंह ने अपने 15 बीघा खेत में सागवान के पेड़ लगाए थे। उन्होंने मानसून सीजन में सागवान का पेड़ लगाकर पहले साल उसकी अच्छे से देखभाल की। वह समय-समय पर सागवान के डाल की छंटाई करते रहे, जिससे पेड़ की ऊंचाई बढ़ाने में मदद मिलती है।
1 एकड़ में सागवान का पेड़ लगाकर एक करोड़ की कमाई आराम से की जा सकती है। सागवान की लकड़ी बाजार में बिकने वाली सबसे महंगी लकड़ी में से एक है। सागवान की लकड़ी टिकाऊ होती है, जिससे फर्नीचर और प्लाई तैयार किया जाता है। इसकी खेती में जोखिम भी कम होता है और मुनाफा भी अच्छा मिलता है।
गम्हार के पेड़
इस पेड़ को खेमर के नाम से भी जाना जाता है। देश के कई इलाके में इसे गम्हार, कुम्हारी और सीवन भी कहते है। यह पेड़ भारत में यूपी, एमपी, राजस्थान और महाराष्ट्र में पाया जाता है। शशि सिंह ने इमारती लकड़ी के रूप में बेचने के लिए अपने खेत के आठ बीघे में गम्हार के पेड़ लगाए थे।
इस पेड़ की लकड़ी से खिलौने, कृषि उपकरण और फर्नीचर आदि तैयार किए जाते हैं। इसकी पत्तियों का उपयोग दवाइयां बनाने के लिए किया जाता है। इस पेड़ से अल्सर जैसी समस्या से काफी राहत मिलती है। यह पेड़ बहुत तेजी से बढ़ता है। मध्यम वर्षा वाले क्षेत्र में इसे खेत की मेड़, उबड़ खाबड़ जमीन पर भी लगाया जा सकता है।
सफेदे के पेड़
इस पेड़ की खेती करने से भूमि में नाइट्रोजन और फास्फोरस की मात्रा बढ़ जाती है। बाजार में सफेदे के पेड़ की काफी मांग है। मार्केट में इसकी कीमत भी अच्छी मिलती है। सफेदे को कई जगह यूकेलिप्टस के नाम से भी जाना जाता है।
इसकी खेती में कम पानी की आवश्यकता होती है और विपरीत मौसम का भी असर नहीं पड़ता। यह पेड़ बहुत ही तेजी से बढ़ता है। इसकी लकड़ी से फर्नीचर, कागज की लुगदी बनाई जाती है। सफेदे का एक पेड़ 8 से 10 साल में तैयार हो जाता है।
जिससे 10 से 12 लाख रुपए की आसानी से कमाई कर सकते है। 1 एकड़ में सफेदे की खेती से 15-20 साल में एक करोड़ की कमाई की जा सकती है। सफेदे की लकड़ी ₹10 किलो के आसपास बिकती है।
महोगनी के पेड़
अपने खेत में कम मेहनत कर अधिक कमाई करने के लिए महोगनी के पेड़ अच्छा साबित होता है। इसकी लकड़ी की बाजार में काफी मांग है, जिससे फर्नीचर बनाया जाता है। इसकी लकड़ी लाल एवं भूरे रंग की होती है, जिस पर पानी का कोई असर नहीं होता।
इसी वजह से महोगनी की लकड़ी काफी टिकाऊ मानी जाती है। महोगनी के बीज को बेचकर भी अच्छी कमाई की जा सकती है। इसके बीज औषधीय गुणों से भरपूर होते है। इस पेड़ की पत्तियों से खाद तैयार किया जाता है। इसके फल व पत्तों से कैंसर, ब्लड प्रेशर, अस्थमा, सर्दी, मधुमेह जैसे कई अन्य रोगों की दवाइयां बनाई जाती है।