खाने में इस तेल का करें इस्तेमाल, अब नहीं होगा हार्ट अटैक का खतरा, जाने फायदे

Newz Funda, New delhi: चाहे वह सब्जी हो, दाल हो, अंडा हो, चिकेन हो, फिश हो, तेल के बिना शायद ही कोई होगा जो इन्हें खाता होगा. यानी हमारे खान-पान में तेल अहम हिस्सा है. तेल कई चीजों से बनाया जाता है. पर खाने में किस तेल का इस्तेमाल करना फायदेमंद रहेगा और किस तेल के इस्तेमाल से हार्ट की बीमारी नहीं होगी, यह बात अधिकांश लोगों को पता नहीं रहता. दरअसल, जो चीजें सीधे खेत से प्राप्त हो और उसका साधारण तरीके से तेल बनाया जा रहा हो, वह तेल हमारे लिए बेहद फायदेमंद होता है लेकिन कुछ तेल ऐसे होते हैं जिसे बहुत तरीके से प्रोसेस कर बनाए जाते हैं और इसमें अनसैचुरेटेड फैट की मात्रा ज्यादा होती है जो सीधे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार है.
ऐसे तेल का इस्तेमाल बहुत हानिकारक है. तो आइए जानते हैं कि किस तेल का इस्तेमाल करें जिससे हमें कोई नुकसान न हो और हार्ट को भी नुकसान न पहुंचे और इससे शरीर को फायदा पहुंचे.
हेल्दी तेल का चयन करना क्यों है जरूरी
हेल्थलाइन की खबर के मुताबिक हेल्दी तेल का चयन करना इसलिए जरूरी है क्योंकि जब तेल ऑक्सीडाइज हो जाता है और उसका हम सेवन करते हैं तो उससे फ्री रेडिकल्स बनते हैं. फ्री रेडिकल्स के कारण शरीर बीमारियों का घर बन जाता है. इससे सेल डैमेज होने लगते हैं और बीमारियां बढ़ने लगती है.
किस तरह के तेल का इस्तेमाल फायदेमंद
दरअसल, जिस तेल को बनाने में तापमान स्मोक प्वाइंट तक न पहुंचे, उस तेल का इस्तेमाल फायदेमंद होता है. इसका मतलब है कि जब अनाज से तेल को निकाला जाता है तो इस दौरान तापमान को बढ़ाना पड़ता है जब तापमान ज्यादा होता है तो अनाज की अंदरुनी संरचना टूटने लगती है. इस टूट के कारण अनाज अपना मूल धर्म खो देता है और उसकी जगह अन्य तरह के केमिकल या कंपाउड बढ़ने लगते हैं. इसलिए ऐसे तेल का सेवन करना चाहिए जिसमें मोनोअनसेचुरेटेड फैट, ओमेगा 3 फैटी एसिड और कैरोटीन की मात्रा ज्यादा हो.
खाने में इन तेलों का इस्तेमाल बेस्ट
1. जैतून का तेल-ऑलिव ऑयल या जैतून के तेल का स्मोक प्वाइंट 176 डिग्री सी होता है. यानी अगर इसे 176 डिग्री से ज्यादा गर्म करेंगे तो इसका ब्रेक डाउन होना शुरू हो जाएगा. आमतौर पर खाना बनाने में 100 डिग्री तक हमलोग गर्म करते हैं, इसलिए जैतून के तेल में मौजूद सभी तरह के हेल्दी फैट हमें मिल जाएगा. जैतून का तेल हार्ट हेल्थ के लिए बेहतरीन माना जाता है.
2. सरसों का तेल-सरसों के तेल का भी स्मोक प्वाइंट ज्यादा होता है. सरसों के तेल में कई तरह के मोनोसैचुरेटेड फैट और पॉलीअनसेचुरेटेड फैटी एसिड यानी हेल्दी फैट होता है. इसके अलावा इसमें भरपूर मात्रा में ओमेगा 3 फैटी एसिड और ओमेगा -6 फैटी एसिड पाया जाता है जो हार्ट को मजबूत बनाने में मददगार है. सरसों का तेल कई तरह से फायदेमंद है.
3. सूरजमुखी का तेल-सूरजमुखी के तेल का स्मोक प्वाइंट 265 डिग्री है. यह सूरजमुखी के सीड्स से बनाया जाता है. इसमें सैचुरेटेड फैट बहुत कम होता है और अनसैचुरेटेड फैटी एसिड की मात्रा ज्यादा होती है जो हार्ट के मसल्स को मजबूत बनाता है. इसके साथ ही इसमें लीनोलिक एसिड भी पाया जाता है जो कोरोनरी हार्ट डिजीज के जोखिम को कम करता है.
4. तिल का तेल -तिल के तेल का स्मोक प्वाइंट है 210 डिग्री. तिल में कई तरह के एंटीऑक्सीडेंट्स और सीसेमिनोल पाया जाता है जिसके कई फायदे हैं. यह नसों से संबंधित बीमारियों में बहुत फायदेमंद है. इसके अलावा पर्किंसन की बीमारी में तिल का तेल फायदा पहुंचाता है. अध्ययन में यह भी पाया गया कि तिल के तेल का नियमित सेवन करने से ब्लड शुगर को कंट्रोल किया जा सकता है.