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बरसात के मौसम में किडनी के लिए खतरा बनेगा डिहाइड्रेशन, इस तरह बचे एक्‍यूट किडनी फेल्‍योर से

मॉनसून की बारिश शुरू हो चुकी है. यह मौसम देखने और सुनने में जितना सुहावना लगता है, इसके उतने ही नुकसान हैं. इस मौसम में सबसे ज्‍यादा संक्रमण का खतरा रहता है, फिर चाहे वह पेट का संक्रमण हो या त्‍वचा का.

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बरसात के मौसम में किडनी के लिए खतरा बनेगा डिहाइड्रेशन

Newz Funda, Newdelhi: फूड पॉइजनिंग और डायरिया के मामले भी इसी मौसम में सबसे ज्‍यादा आते हैं. हालांकि इससे भी ज्‍यादा खतरे की बात है कि बरसात के मौसम में होने वाले इन्‍फेक्‍शन और डिहाइड्रेशन की वजह से एक्‍यूट किडनी फेल्‍योर का रिस्‍क बढ़ जाता है जो काफी खतरनाक है.

डॉ. अग्रवाल कहते हैं कि कई बार यह संक्रमण किडनी डैमेज का कारण बन जाता है, यही वजह है कि इस मौसम में अस्‍पतालों में किडनी के मरीजों की संख्‍या बढ़ जाती है.

शरीर में पानी की कमी के चलते सीधा असर किडनी पर पड़ता है और एक्‍यूट किडनी फेल्‍योर के मामले सामने आते हैं. ऐसे में इस मौसम में अगर थोडी सी भी डिहाइड्रेशन की संभावना दिखाई दे रही है तो जरूरी है कि खुद इलाज करने के बजाय डॉक्‍टर को दिखाएं.

क्‍यों होता है एक्‍यूट किडनी फेल्‍योर
डॉ. एस के अग्रवाल कहते हैं कि बारिश के दौरान फ़ूड पॉइजनिंग, डायरिया, उल्‍टी, कई प्रकार के इंफेक्शन होते हैं, इनमें सबसे पहले उल्‍टी, दस्‍त आदि की शिकायत होती है, जिससे शरीर में फ्लूड यानि पानी की कमी हो जाती है. जैसे ही ये कमी बढ़ जाती है तो सीधे किडनी पर असर पड़ता है, ऐसे में किडनी खराब होने की संभावना बढ़ जाती है.

डिहाइड्रेशन में किडनी फेल्‍योर से कैसे बचें?
डॉ. बताते हैं कि डिहाइड्रेशन की ऐसा कोई पैमाना नहीं है , लेकिन फिर भी एक दिन के उल्‍टी-दस्‍त में भी एक्‍यूट किडनी फेल्‍योर हो सकता है. अगर मरीज को एक दिन में कई बार गंभीर उल्‍टियां हो रही हैं और डिहाइड्रेशन हो रहा है तो उसकी किडनी डैमेज हो सकती है, वहीं अगर बहुत ज्‍यादा उल्‍टी या दस्‍त नहीं हैं तो 10 दिन होने पर भी किडनी फेल्‍योर नहीं होगी, ये रोग की गंभीरता पर है. हालांकि ऐसे किसी भी लक्षण में डॉक्‍टर से सलाह बेहद जरूरी है.