Medical Education: आंध्रप्रदेश में मेडिकल कॉलेज की फीस बढ़ाने पर सुप्रीम कोर्ट की रोक, 5 लाख का फाइन ठोक की ये कड़ी टिप्पणी
नई दिल्ली से मेडिकल एजुकेशन को लेकर बड़ी खबर से आपको रूबरू करवा रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इसको लेकर तल्ख टिप्पणी भी की है।
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Newz Funda, New Delhi सुप्रीम कोर्ट से अहम खबर मेडिकल एजुकेशन को लेकर आ रही है।
न्यायालय ने कड़ी टिप्पणी कर कहा है कि शिक्षा को कभी भी लाभ कमाने का उद्देश्य नहीं बनाया जा सकता है। इसलिए हमेशा ही ट्यूशन फीस को कम रखना चाहिए।
आपको बता दें कि ये टिप्पणी एक मेडिकल कॉलेज को लेकर की गई है। जहां पर ट्यूशन फीस बढ़ा दी गई थी।
मामला आंध्रप्रदेश से जुड़ा है और वहां की सरकार के फैसले पर रोक लगाते हुए न्यायालय ने 5 लाख का जुर्माना भी ठोका है।
जो याचिकाकर्ता नारायण मेडिकल कॉलेज और आंध्रप्रदेश की सरकार को वहन करना होगा। वहीं, न्यायालय की ओर से सरकार को कड़ी फटकार भी लगाई गई है।
बताया गया है कि पहले तय की गई फीस को बढ़ाकर सात गुना करना किसी भी लिहाज से सही नहीं है। इसलिए फैसले को वापस लेना ही होगा।
मामला पिछले दिनों का बताया जा रहा है। जब आंध्रप्रदेश सरकार ने मेडिकल कॉलेजों में ट्यूशन फीस को बढ़ा दिया था। यहां से फीस 24 लाख रुपये कर दी गई थी।
जिसका विद्यार्थियों की ओर से विरोध किया गया था और उन्होंने फैसले को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी थी।
जिस पर न्यायालय की ओर से कहा गया था कि प्रवेश और शुल्क नियामक समिति नियम, 2006 के प्रावधानों पर विचार के बाद ही ऐसा हो सकता है।
सरकार के फैसले को कोर्ट ने बताया सही
इसके लिए समिति की सिफारिशों को भी माना जाना या सहमति का होना जरूरी है। कोर्ट ने 6 सितंबर 2017 को लिए गए सरकार के फैसले को पूरी तरह से गलत बताया था।
जिसके बाद ही कॉलेज और राज्य सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में इसको लेकर याचिका दाखिल की गई थी। जहां पर हाईकोर्ट के फैसले को चैलेंज किया गया था।
लेकिन अब शीर्ष न्यायालय ने इस पर रोक लगाते हुए याचिकाकर्ताओं को पांच लाख रुपये फाइन देने के आदेश दिए हैं।
न्यायालय ने कहा कि हाईकोर्ट का डिसीजन सही था और फाइन की राशि को छह सप्ताह के भीतर जमा करवाएं।