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मंडी में आने वाले किसानों और मजदूरों को मिलेंगी ताजा भोजन की थाली, ऑफ-सीजन भी खुली रहेंगीं केंटीन

प्रदेश की अनाज मंडियों में चलने वाली अटल किसान मजदूर कैंटीन को अब ऑफ सीजन में भी खुला रखा जाएगा, ताकि किसानों और मजदूरों को ऑफ सीजन भी मंडियों में कम कीमत पर बेहतर खाना मिल सकें।
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canteen

Newz Funda, Haryana Desk मंडी में फसल लेकर आने वाले किसान और काम करने वाले मजदूरों को अकसर पेट की भूख से परेशान होकर बासी और ढाबे का भोजन करना पड़ता है। क्योंकि अनाज मंडियों में खुली अटल किसान कैंटीन को केवल सीजन के दौरान ही किसानों और मजदूरों के लिए खोला जाता था। 

ऐसे में मंडी का ऑफ सीजन मजदूरों के लिए चुनौती बनी हुई है। हरियाणा की मनोहर सरकार ने किसानों और मजदूरों को राहत पहुंचाने के उद्देश्य से एक ओर बड़ा फैसला लिया है।

शनिवार को हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड के अधिकारियों के साथ बैठक के दौरान मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने निर्देश दिए कि प्रदेश की अनाज मंडियों में चलने वाली अटल किसान मजदूर कैंटीन को अब ऑफ सीजन में भी खुला रखा जाएगा, ताकि किसानों और मजदूरों को ऑफ सीजन भी मंडियों में कम कीमत पर बेहतर खाना मिल सकें।

10 रुपये प्रति थाली करवाया जाता है भोजन (Haryana Update)

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में प्रदेश की 25 मंडियों में अटल किसान मजदूर कैंटीने चलाई जा रही है। जहां पर किसानों व मजदूरों को 10 रुपये प्रति थाली की दर पर ताजा और गर्म भोजन उपलब्ध करवाया जा रहा है। ऐसी ही 15 कैंटीन अन्य मंडियों में स्थापित करने का प्रस्ताव हैए जो जल्द शुरू की जाएगी।

बैठक के दौरान अधिकारियों को निर्देश देते हुए सीएम मनोहर लाल ने कहा कि मंडियों में क्या.क्या सुविधाएं होनी चाहिए। उसकी मैपिंग करवाकर जल्द ही वहां पर जल्द से जल्द सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। इसके अलावा सूबे में जहां पर भी 5 करम के कच्चे रास्ते हैं, उसकी रिपोर्ट दी जाए।

क्या होता है थाली में

अटल किसान मजदूर कैंटीन पर मिलने वाले ताजे भोजन को महिला समूह की ओर से बनाया जाता है। प्लेट लेने के लिए पहले काउंटर से पर्ची प्राप्त करनी होती है। 

10 प्रति प्लेट की दर से मिलने वाले इस भोजन में 4 गर्मा गर्मा रोटी, सीजनल सब्जी, दाल, आचार होता है। प्लेट को दोबारा रिफिल नहीं किया जाता। भोजन करने आने वालो के लिए कैंटीन में बैठने की जगह होती है, यहां बैठकर वह भोजन करते है।